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पर्यावरणीय जानकारी साझाकरण

अमेरिका द्वारा मुक्त और खुले डेटा के साथ वैश्विक संरक्षण, संवहनीय प्रयासों का समर्थन

फ़ोरम स्टाफ़

कै न्टन द्वीप पर बेहतर घाट बनाने की किरिबाती की योजना ठप्प पड़ गई। ऑस्ट्रेलिया ने परियोजना को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन दूरस्थ एटोल के आस-पास के जल के नीचे की स्थलाकृति के बारे में पुरानी जानकारी के कारण नियोजित उन्नयन के लिए सामग्री की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न हो रही थी। — पहले राष्ट्रीय महासागरीय एवं वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) में यू.एस. इंडो-पैसिफिक कमांड के लिए संपर्क अधिकारी रह चुके कैप्टन डेनियल साइमन ने कहा कि सुरक्षित रूप से नाविकों के लिए आपूर्ति लाने से पहले चालक-दल को जल के नीचे के भूभाग का मानचित्रण और समुद्र की गहराई के बारे में जानकारी आवश्यक है। “सर्वेक्षण पूरा होने में एक या दो साल और लग जाएँगे”, उन्होंने कहा।

NOAA जहाज़ रेनियर को इस क्षेत्र में समुद्र तल का चित्र लेने और मानचित्र बनाने, प्रवाल भित्तियों के स्वास्थ्य का आकलन करने तथा समुद्री वन्य जीवन पर डेटा एकत्र करने के लिए तैनात किया गया था। किरिबाती के सूचना, संचार और परिवहन मंत्रालय के अनुरोध पर, रेनियर ने समुद्र तल और उसकी विशेषताओं का उच्च-रेज़ल्यूशन मानचित्र तैयार करने के लिए मल्टीबीम सोनार सिस्टम का उपयोग करते हुए, कैंटन द्वीप के चारों ओर पानी के नीचे सर्वेक्षण किया। साइमन ने कहा कि 1950 के दशक के बाद यह द्वीप का पहला सर्वेक्षण था। NOAA के अनुसार, किरिबाती के साथ साझा किए गए परिणाम समुद्री चार्ट को अद्यतन करेंगे तथा संसाधन प्रबंधन में योगदान देंगे। 

एजेंसी की साझेदारी मूल्यवान जानकारी प्रदान कर रही है, क्योंकि किरिबाती अपने 33 एटोल के आस-पास जलस्थ मानचित्रण और समुद्री चार्ट को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है, जो लगभग 35 लाख (3.5 मिलियन) वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं। इस प्रकार की अंतर्जलीय खुफ़िया जानकारी, परिवहन और व्यापार के लिए समुद्र पर निर्भर द्वीपीय देशों की सुरक्षा और नौवहन में सुधार लाती है, पारिस्थितिकी तंत्र की निगरानी और संरक्षण में सहयोग करती है, तथा सतत विकास को बढ़ावा देती है।

किरिबाती के हाइड्रोग्राफ़ी व चार्टिंग के राष्ट्रीय समन्वयक, टियोन उरियम (Tion Uriam) ने नीदरलैंड स्थित हाइड्रो इंटरनेशनल पत्रिका को बताया कि आस-पास के समुद्र की विस्तृत तस्वीर प्राप्त करने में मुख्य बाधाएँ लागत और श्रम रही हैं। उन्होंने इस बात के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया कि किस प्रकार रेनियर द्वारा संपन्न सर्वेक्षण जैसे सर्वेक्षण दीर्घकालिक आर्थिक नियोजन में योगदान दे सकते हैं। “वाक्यांश ‘हम उस चीज़ का प्रबंधन नहीं कर सकते जिसे हम माप नहीं सकते’ विशेष रूप से किरिबाती के संदर्भ में प्रासंगिक है,” उरियम ने कहा। NOAA ने वैश्विक पहुँच सुनिश्चित करने में मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र के ढाँचे के तहत डेटा प्रबंधन पर किरिबाती सरकार के अधिकारियों के लिए कार्यशालाओं के माध्यम से इस संदेश को सुदृढ़ करने में मदद की। 

NOAA मानचित्रण, डेटा वैज्ञानिकों को मध्य पैसिफ़िक क्षेत्र में पानी के नीचे स्थित पर्वत की दृश्यता में मदद करता है। उन्नत प्रौद्योगिकी से पता चला कि यह समुद्री पर्वत अनुमानतः लगभग 1,000 मीटर ऊँचा था। NOAA महासागर अन्वेषण और अनुसंधान कार्यालय

डेटा साझाकरण बनाम डेटा जमाखोरी

महासागर पृथ्वी की सतह के लगभग 70% भाग को कवर करते हैं, जलवायु और मौसम के पैटर्न को प्रभावित करते हैं, अरबों लोगों को भोजन प्रदान करने वाली समुद्री प्रजातियों को पोषण देते हैं, दुनिया के अनुमानित 90% माल को ले जाते हैं, और वैश्विक वाणिज्य में प्रतिवर्ष कम से कम 250 हज़ार करोड़ ($2.5 ट्रिलियन) डॉलर का योगदान करते हैं। प्रदूषण, अत्यधिक मछली पकड़ने और अन्य ख़तरों के कारण विश्व के समुद्रों के ख़तरे को देखते हुए, महासागरों के स्वास्थ्य की आधारभूत समझ, बदलती परिस्थितियों की जानकारी, तथा महत्वपूर्ण संसाधनों की सुरक्षा और सतत विकास को सक्षम बनाने के उपायों के लिए रियल-टाइम जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। NOAA उन एजेंसियों में से एक है जो उपग्रहों, सतह और जलस्थ अभियानों, उत्प्लावकों, मानवरहित सेंसर और अन्य स्रोतों से लगातार समुद्री जानकारी एकत्र कर रही है। फ़्रंटियर्स इन मरीन साइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार, प्रौद्योगिकी इतनी तेज़ी से आगे बढ़ रही है कि शोधकर्ता एक वर्ष में उतनी जानकारी एकत्र कर सकते हैं जितनी पूरी 20वीं शताब्दी में एकत्र की गई थी। 

हालाँकि, परिणाम प्राप्त करने के लिए डेटा, सुलभ, इंटरऑपरेबल और पुन: प्रयोज्य होना चाहिए। NOAA, जो प्रतिदिन भारी मात्रा में डेटा उत्पन्न करता है, अपने ओपन डेटा डिस्सेमिनेशन प्रोग्राम के माध्यम से जानकारी को क्लाउड पर अपलोड करता है, जिससे इंटरनेट कनेक्शन वाले किसी भी व्यक्ति को पर्यावरणीय जानकारी उपलब्ध हो जाती है। NOAA के राष्ट्रीय पर्यावरण सूचना केंद्र जैसे कार्यक्रम ऐतिहासिक डेटा तक पहुँच प्रदान करते हैं। साइमन ने उदाहरण के रूप में रेनियर को उद्धृत किया: “जब जहाज़ बंदरगाह से निकलता है और उन सेंसरों को चालू करता है, तो सूचना सीधे क्लाउड में इनपुट हो जाती है और जनता के लिए तुरंत उपलब्ध हो जाती है।”

वैश्विक महासागर डेटाबेस, अंतर-सरकारी महासागरीय आयोग की NOAA के नेतृत्व वाली परियोजना, महासागर संबंधी जानकारी के लिए सबसे बड़ा अप्रतिबंधित, समान रूप से स्वरूपित और गुणवत्ता-नियंत्रित डेटाबेस है। यह अनुसंधान को एकीकृत करने के 20 वर्षों से अधिक के प्रयास का प्रतिनिधित्व करता है तथा इसमें 250 वर्षों का डेटा शामिल है। NOAA मौसम संबंधी और पर्यावरणीय पूर्वानुमानों के लिए उपग्रह अवलोकनों को भी पूर्ण, निःशुल्क और खुले आधार पर साझा करता है। यह समझते हुए कि कोई भी एकल इकाई विश्व के मौसम, जलवायु, महासागरों और तटरेखाओं की प्रभावी निगरानी नहीं कर सकती, एजेंसी उपग्रहों को उधार देने और उपलब्ध कराने के लिए यूरोपीय मौसम विज्ञान उपग्रह उपयोग संगठन और जापान मौसम विज्ञान एजेंसी जैसे समूहों के साथ साझेदारी करती है। ऐसे समझौते तकनीकी विफलता की स्थिति में अमेरिका, उसके मित्र राष्ट्रों व साझेदारों तथा विश्व के सभी क्षेत्रों के लिए डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं। NOAA की उपग्रह सेवा के अंतरराष्ट्रीय एवं अंतर-एजेंसी मामलों के प्रभाग के अनुसार, वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, वियतनाम राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र और दुनिया भर के अन्य साझेदारों के साथ भी सहयोग बढ़ा रहा है। 

दर्जनों देश महासागर अनुसंधान करते हैं, जिससे समुद्र की वैश्विक समझ में योगदान मिलता है। हालाँकि, पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (चीन) के कार्यक्रम, जो दुनिया के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक हैं, पारदर्शिता की कमी के कारण सबसे अधिक चर्चित हैं। चीनी राज्य और सैन्य संबद्ध संगठनों के स्वामित्व वाले और संचालित जहाज़ अक्सर पश्चिमी पैसिफ़िक और दक्षिणी चीन सागर में सर्वेक्षण कार्यों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। बीजिंग लगभग 90% भूभाग पर अपना दावा करता है, जबकि 2016 में एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने क्षेत्रीय दावे को अमान्य करार दिया था। वाशिंगटन डी.सी. स्थित थिंक टैंक सेंटर फ़ॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ (CSIS) के विश्लेषकों ने जनवरी 2024 की रिपोर्ट “सर्वेइंग द सीज: चाइनास ड्युअल-यूज़ रिसर्च ऑपरेशन्स इन द इंडियन ओशन” में लिखा है कि चीन की गोपनीयता उसके शोध की प्रकृति को अस्पष्ट करती है। 

उन्होंने कहा कि चीन सर्वेक्षण जहाज़ों ने स्थान संबंधी ग़लत जानकारी दी है या स्वचालित पहचान प्रणालियों को लंबे समय तक बंद कर दिया है, जो समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जहाज़ की पहचान और स्थिति को प्रसारित करते हैं। बीजिंग के जहाज़ों ने अन्य देशों के विशेष आर्थिक क्षेत्रों में तेल और गैस सर्वेक्षण जैसे अवैध अनुसंधान कार्य किए हैं, जहाँ उन देशों के पास समुद्री संसाधनों पर संप्रभुता अधिकार और क्षेत्राधिकार है। CSIS की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अवैध क्षेत्रीय दावों के समर्थन में धमकी देने के लिए भी इन जहाज़ों का इस्तेमाल किया है। उच्च शिक्षा प्रकाशन, यूनिवर्सिटी वर्ल्ड न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने चीन पर सहयोगी वैज्ञानिकों के बीच जानकारी साझा किए बिना अन्य देशों से मूल्यवान डेटा एकत्र करने का आरोप लगाया है।

हवाई के होनोलुलु में डैनियल के. इनौये एशिया-पैसिफ़िक सेंटर फ़ॉर सिक्योरिटी स्टडीज़ (DKI-APCSS) के पर्यावरण विज्ञान और जलवायु सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. ईथन ऐलन (Ethan Allen) ने फ़ोरम को बताया कि हालाँकि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के पास अनुसंधान स्पेक्ट्रम में डेटा को ‘अत्यधिक प्राप्त करने’ का रिकॉर्ड है, लेकिन वह उस जानकारी को साझा करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि यद्यपि जलवायु विज्ञान पर हालिया सहयोग एक आशाजनक संकेत है, “विशेष रूप से अपेक्षाकृत खुले अमेरिकी और पश्चिमी वैज्ञानिक प्रक्रिया की तुलना में, ऐसा प्रतीत होता है कि CCP डेटा को वितरित करने के बजाय संचय करने योग्य संसाधन के रूप में देखती है।” 

पैसिफ़िक क्षेत्र में एक अभियान के दौरान एकत्रित मानचित्रण डेटा को दर्शाते NOAA जहाज़ ओकीनोस एक्सप्लोरर पर लगे कंप्यूटर मॉनिटर। लिआ किम (Lia Kim)/NOAA

अज्ञात गहराइयों का मानचित्रण

चूँकि समुद्र तल का मानचित्रण राष्ट्रों के लिए आर्थिक अवसर पैदा करता है तथा नाविकों के लिए नौवहन और सुरक्षा में सुधार करता है, इसलिए समुद्र तल की बेहतर समझ पर्यावरण संरक्षण और संसाधन प्रबंधन, आपदा तैयारी और जलवायु शमन में भी योगदान देती है। 

व्यापक मानचित्र उन आवासों की पहचान करते हैं और उनका विवरण देते हैं जो समुद्री जीवन को सहारा दे सकते हैं, जैसे पानी के नीचे के पहाड़, खाइयाँ और घाटियाँ, जिनका NOAA ने लाखों वर्ग किलोमीटर मानचित्रण किया है। महासागर की गहराई का ज्ञान महासागरीय अम्लीकरण पर अनुसंधान को दिशा दे सकता है, जो कि कार्बन-प्रेरित रासायनिक परिवर्तन है, जो पारिस्थितिकी तंत्रों के लिए ख़तरा है। समुद्र तल की सटीक तस्वीर से भूकंप संभावित क्षेत्रों की पहचान की जा सकती है, जहाँ व्यवधान के कारण सुनामी आ सकती है, जिससे बेहतर निगरानी और उन्नत चेतावनी प्रणाली बनाई जा सकती है। ऊबड़-खाबड़ समुद्री सतह समुद्री धाराओं पर असर डालती है, जो तापमान को प्रभावित करती हैं और जलवायु मॉडल में भूमिका निभाती हैं। शोध से पता चलता है कि समुद्र तल के आकार और गहराई को समझने से वैज्ञानिकों को महासागर की कार्बन को अवशोषित करने की क्षमता के बारे में अधिक जानकारी मिल सकती है, जो जलवायु संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए भी महत्वपूर्ण है। 

ऐलन ने कहा कि दुनिया के महासागर उसके ताज़े पानी, वायुमंडल, बर्फ़ की परतों आदि से अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं, जिससे समुद्र को पूरी तरह से समझना महत्वपूर्ण हो जाता है। “लेकिन हम अथाह [बेहद गहरे] महासागर में जो कुछ मौजूद है, उसके संदर्भ में एक ख़ाली स्लेट के साथ काम कर रहे हैं,” उन्होंने आगे कहा। “हज़ारों, संभवतः दसियों हज़ारों, संभवतः लाखों जीवन रूप, ऐसी प्रजातियाँ हैं जिनके बारे में हम कुछ नहीं जानते, जो इस पर्यावरण में रहती हैं। ये समुद्र में अन्य जैव-रूपों के साथ कैसे अंतःक्रिया करते हैं, वे खाद्य शृंखला के हिस्से के रूप में कैसे काम करते हैं, उनकी भूमिका क्या है — यह बहुत कम समझा गया है।” 

सीबेड 2030 के अनुसार, महासागर तल के केवल 26% से अधिक भाग का मानचित्रण किया गया है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका लक्ष्य दशक के अंत तक विश्व के महासागरों का एक निश्चित मानचित्र तैयार करना — और वह जानकारी सभी के लिए उपलब्ध कराना है। NOAA उन दर्जनों भागीदारों में से एक है जो सीबेड 2030 का समर्थन कर रहे हैं, जिसकी स्थापना 2017 में जापान के निप्पॉन फाउंडेशन और 120 साल पुराने जनरल बाथिमीट्रिक चार्ट ऑफ़ द ओशन्स (GEBCO) परियोजना द्वारा की गई थी, जो सभी अमेरिकी जल का मानचित्र बनाने और स्वतंत्र रूप से उपलब्ध GEBCO मानचित्र में डेटा संकलन के समर्थन के लिए काम कर रहा है। 

मिडवे एटोल में प्रवाल भित्तियों से मछली पकड़ने का सामान हटाता हुआ NOAA का एक गोताखोर। NOAA

‘सहयोग की आवश्यकता’

NOAA एजेंसियाँ ​​अवैध, अप्रतिबंधित और अनियमित (IUU) मछली पकड़ने का भी मुक़ाबला करती हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रतिवर्ष अरबों डॉलर की चपत लगाती है, खाद्य सुरक्षा के लिए ख़तरा पैदा करती है और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को नुक़सान पहुँचाती है। NOAA का क़ानून प्रवर्तन कार्यालय IUU मछली पकड़ने से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्षमता का निर्माण करता है, नीति और रूपरेखा सहायता प्रदान करता है, तथा निगरानी, ​​डेटा संग्रह व अवैध गतिविधि में संलग्न जहाजों के लिए बंदरगाह प्रवेश को प्रतिबंधित करने के उपायों पर इंडोनेशिया, फ़िलीपींस और थाईलैंड जैसे भागीदारों को प्रशिक्षण देता है। 

जलवायु अनुसंधान NOAA के अवलोकनों पर निर्भर करता है, जैसे समुद्र का स्तर, महासागर का तापमान, महासागर का अम्लीकरण और कार्बन उत्सर्जन, जिनका उपयोग गर्म होती दुनिया के प्रभाव का बेहतर पूर्वानुमान लगाने के लिए किया जाता है। इस बीच, अमेरिकी एजेंसी समुद्री संरक्षित क्षेत्रों को बढ़ावा देती है, जो कार्बन का भंडारण करके जलवायु प्रतिरोधक्षमता में योगदान करते हैं और प्रवाल भित्तियों और मत्स्य पालन जैसे संसाधनों की रक्षा करके जैव विविधता को संरक्षित करते हैं। NOAA, मध्य पैसिफ़िक क्षेत्र में हवाई के दक्षिण-पश्चिम में स्थित पैसिफ़िक सुदूर द्वीपसमूह के समुद्री राष्ट्रीय स्मारक की सुरक्षा बढ़ाने के लिए, राष्ट्रीय समुद्री अभयारण्य के निर्माण के प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है। “पैसिफ़िक के सुदूर द्वीपसमूहों के आस-पास के प्रवाल-द्वीप, शोल, तट, चट्टान, समुद्री पहाड़ और खुले महासागर का जल, धरती पर बेहद वैविध्यपूर्ण और उल्लेखनीय उष्णकटिबंधीय समुद्री जीवों का घर हैं, लेकिन वे जलवायु परिवर्तन, आक्रामक प्रजातियों और समुद्री मलबे के प्रभावों के प्रति तेज़ी से संवेदनशील होते जा रहे हैं,” एजेंसी ने कहा। “इस क्षेत्र के विविध आवास और प्राचीन चट्टानें विभिन्न प्रकार की मछलियों, अकशेरुकी, समुद्री पक्षियों, समुद्री कछुओं और समुद्री स्तनधारियों के लिए आश्रय प्रदान करती हैं — जिनमें से कई दुनिया में कहीं और नहीं पाए जाते हैं।” 

NOAA के शोधकर्ता मौसम मॉडलिंग और पूर्वानुमान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सहयोग करते हैं, जैसे कि पश्चिमी पैसिफ़िक क्षेत्र में एकीकृत महासागर अवलोकन प्रणाली के साथ। समुद्री मलबे — प्लास्टिक प्रदूषण से लेकर मछली पकड़ने के उपकरण तक — को ट्रैक करने, हटाने और कम करने के कार्यक्रम में दुनिया भर के साझेदार शामिल हैं। प्रवाल भित्तियों के आँकड़े वैश्विक स्तर पर संरक्षण का समर्थन करते हैं, जबकि NOAA पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा के लिए उपकरणों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर देशों के साथ साझेदारी करता है। एजेंसी के फ़ोकस और उसके प्राधिकारियों के मद्दे-नज़र NOAA की अधिकांश पर्यावरणीय आसूचना अमेरिकी जलक्षेत्र के भीतर ही एकत्रित की जाती है। “लेकिन प्रदूषण, मछली, तूफ़ान? उनकी कोई भूराजनीतिक सीमाएँ नहीं हैं,’’ साइमन ने कहा। “हमारे पास बहुत सारी जानकारी, बहुत सारे उत्पाद, बहुत सारी सेवाएँ हैं जो हमारे विशेष आर्थिक क्षेत्रों से कहीं आगे तक जाती हैं।” 

DKI-APCSS के प्रोफ़ेसर ऐलन के लिए, इस प्रकार की अन्योन्याश्रितता वैज्ञानिक सहयोग के महत्वपूर्ण बिंदु को दर्शाती है। “हम बहुत छोटे ग्रह पर रहते हैं,” उन्होंने कहा। “हम सभी एक ही हवा में साँस ले रहे हैं। हम सब एक ही पानी पी रहे हैं। बेहतर होगा कि हम इस बात पर सहयोग करना शुरू करें कि किस प्रकार हम अपनी हवा को स्वच्छ और पानी को पीने योग्य बनाए रख सकते हैं। दरअसल, पहले से कहीं अधिक बड़े, गहन और वैश्विक स्तर पर सहयोग की अभूतपूर्व आवश्यकता है, जैसा हमने पहले कभी नहीं देखा।”  


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