
ब्रिगेडियर जनरल ओनिसिवोरो कोवुनिसाका/थल सेना कमांडर, फिजी गणराज्य सैन्य बल
फ़िजी दक्षिण पश्चिम पैसिफ़िक महासागर में एक छोटा सा द्वीप राष्ट्र है। हम जलक्षेत्र से घिरे हुए हैं। हमारी आजीविका समुद्र से गहराई से जुड़ी हुई है। फ़िजी के अलगाव के कारण, संघर्ष क्षेत्र में पारंपरिक ख़तरे – अंतरराज्यीय युद्ध और सशस्त्र संघर्ष, क्षेत्रीय विवाद और सीमा तनाव – न्यूनतम हैं या बिलकुल नहीं हैं।
हालाँकि, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय क्षरण, प्राकृतिक आपदाएँ, अंतरराष्ट्रीय अपराध, मानव तस्करी और ड्रग्स जैसे ग़ैर-पारंपरिक ख़तरे अधिक प्रमुख हैं। गै़र-पारंपरिक ख़तरों के ख़िलाफ़ भूमि से समुद्री और हवाई क्षेत्रों की प्रभावी ढंग से रक्षा करने के लिए, फ़िजी गणराज्य सैन्य बल (आरएफएमएफ़), भूमि बल ब्रिगेड के माध्यम से, हमारी चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक व्यापक और स्तरीय दृष्टिकोण का उपयोग करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम बहुत छोटी सेना हैं। हमारे पास अपना अभियान चलाने के लिए हमारे अधिकांश बड़े साझेदारों की तरह संसाधन और अवसर नहीं हैं।
आरएफ़एमएफ़ और भूमि बलों के नज़रिए से, हम इन चुनौतियों से निपटने के लिए नियम-आधारित व्यवस्था, संस्थानों के प्रति प्रतिबद्धता; संपूर्ण-सरकारी दृष्टिकोण; युद्ध के लिए तैयार और चुस्त सेना; साझेदारियों के फ़्रेमवर्क का उपयोग करते हैं।

शांति रूपरेखा
फ़िजी को नियम-आधारित व्यवस्था और संस्थानों को बनाए रखने के महत्व का आभास है। फ़िजी [1970 में] अपनी आज़ादी के बाद से संयुक्त राष्ट्र का सदस्य रहा है और वर्तमान में दुनिया भर में शांति स्थापना में बड़ा योगदान देता है। आज तक, हमारे पास एक ब्रिगेड आकार की थल सेना है जो शांति स्थापना में बड़ा योगदान देती है। दुनिया भर के मिशनों में हमारे लगभग 500 सैनिक तैनात हैं। इनमें मिस्र में बहुराष्ट्रीय बल, सीरिया और इज़राइल के बीच संयुक्त राष्ट्र असैन्यीकरण पर्यवेक्षक बल और इराक़ में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन शामिल हैं। लेबनान, यमन और सूडान में भी हमारे पर्यवेक्षक हैं।
फ़िजी के लिए शांति स्थापना महत्वपूर्ण है क्योंकि वही स्थिरता और शांति अभियान जिसके लिए हम विदेश में प्रतिबद्ध हैं, एक देश के रूप में हमारी सुरक्षा की गारंटी देते हैं। इनमें अवैध मछली पकड़ने, अंतरराष्ट्रीय अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी से बचाने के लिए नियम-आधारित व्यवस्था के अंतरराष्ट्रीय मानदंडों पर निर्भरता और उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद के लिए तंत्र भी शामिल हैं। फ़्रेमवर्क और संस्थानों के संदर्भ में, फ़िजी, पैसिफ़िक द्वीप समूह फ़ोरम के तहत, बोई घोषणा जैसे समझौतों पर निर्भर करता है। यह सुनिश्चित करता है कि हमारे पास हमारी सुरक्षा चुनौतियों – जैसे जलवायु सुरक्षा, मानव सुरक्षा और मानवीय सहायता, पर्यावरण और संसाधन सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय अपराध और साइबर सुरक्षा – को संबोधित करने के लिए एक क्षेत्रीय सुरक्षा दृष्टिकोण है, जो एक उचित समन्वय तंत्र समेत कार्यान्वयन के लिए एक बेहतर माहौल बनाता है।
ग़ैर-पारंपरिक ख़तरों से समुद्री व वायु क्षेत्र की रक्षा के संदर्भ में, हमारा सबसे महत्वपूर्ण माध्यम पैसिफ़िक कलेक्टिव वॉइस और हमारी विभिन्न एजेंसियों के बीच सहयोग है। इसका अर्थ यह है कि हम पैसिफ़िक आईलैंड देश सामूहिक रूप से छोटे हैं, लेकिन हमारे बीच एक-दूसरे से जुड़ने के लिए एक नेटवर्क है, जिसकी वजह से हमें समुद्री और वायु क्षेत्र से जुड़े मुद्दों का समाधान करने में मदद मिलती है।
फ़िजी, अपनी सीमित आर्थिक और भूमि सेना क्षमता के कारण, इन खतरों से बचाव के लिए संपूर्ण-सरकारी दृष्टिकोण पर निर्भर करता है। हमारे अधिकारी विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली घटनाओं के दौरान हमारे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कार्यालय की सरकारी आपातकालीन शक्तियों और सरकार के संसाधनों पर भरोसा करते हैं और वाणिज्यिक समुद्री जहाज़ों और हमारी राष्ट्रीय एयरलाइन, फ़िजी एयरवेज़ का उपयोग करके अभियान चलाते हैं।
युद्ध में प्रभावकारी और चुस्त थल सेना बनाना फ़िजी की थल सेना का मिशन है, जिसके दम पर इसे संघर्ष के दौरान सभी क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा करने और जीत हासिल करने का अवसर मिलेगा।

महत्वपूर्ण भागीदार, अभ्यास
हमारे सीमित संसाधनों को देखते हुए, मुख्य प्रयास एक उच्च प्रशिक्षित सेना बनाना है। भविष्य के अभियानों के संदर्भ में, आरएफ़एमएफ़ थल सेना ख़ुद को ऑस्ट्रेलिया या न्यूज़ीलैंड के तहत एक बड़ी क्षेत्रीय ताकत के हिस्से के रूप में देखती है। यह एक ऐसा मंच है, जिसका इस्तेमाल करते हुए वह भूमि क्षेत्र से समुद्री और हवाई क्षेत्र की रक्षा कर पाती है। इसके तहत थल सेना सरकार के समर्थन से वुवाले पार्टनरशिप [अक्टूबर 2022 में हुए सैन्य समझौते] के तहत यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी पैसिफ़िक (यूएसएआरपीएसी), ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल और न्यूज़ीलैंड रक्षा बल के साथ भागीदारी के तहत तैयारियों का अभ्यास करती है।
यूएसएआरपीएसी और [अमेरिकी रक्षा विभाग] नैशनल गार्ड स्टेट पार्टनरशिप प्रोग्राम के साथ किए गए हमारे कुछ उल्लेखनीय अभ्यास। हर साल सितंबर में, हम फ़िजी में यूएस आर्मी पैसिफ़िक के साथ कार्टव्हील नामक एक अभ्यास आयोजित करते हैं, जिसका नाम ऑपरेशन कार्टव्हील के नाम पर रखा गया है, जो पैसिफ़िक क्षेत्र में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक प्रमुख सैन्य अभियान था। कार्टव्हील अभ्यास प्रारंभ में एक द्विपक्षीय अभ्यास था। हालाँकि, यह ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और यूनाइटेड किंगडम की भागीदारी और हाल ही में टोंगा के पर्यवेक्षक व भागीदार बनने के साथ ही एक बहुपक्षीय अभ्यास बन गया है।
यह अभ्यास सुनिश्चित करता है कि हमारी सेनाएँ संयुक्त बलों की परिचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए एकीकृत भूमि अभियान के लिए उच्च स्तर की व्यापक तैयारी करती रहें, साथ ही बलों के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद जानकारी साझा करने और साझेदार देशों के बीच संबंधों को मज़बूत करने को बढ़ावा दें।
वुवाले पार्टनरशिप में कोरल वॉरियर नामक एक प्रशिक्षण और विनिमय सीरीज़ भी शामिल है। ऑस्ट्रेलिया द्वारा वित्तपोषित यह कार्यक्रम फ़िजी इन्फै़ंट्री रेजिमेंट-तीसरी बटालियन और ऑस्ट्रेलिया की 89वीं बटालियन के बीच एकल कोरल सोल्जर साझेदारी से आगे बढ़कर आरएफ़एमएफ़ इंजीनियरों और ऑस्ट्रेलियाई इंजीनियरों के साथ कोरल सैपर अभ्यास सीरीज़ तक पहुंच गया है। इसके तहत आरएफ़एमएफ़ की लॉजिस्टिक्स बटालियन और उसके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के बीच; और दूसरे देशों में हमारे शांति अभियानों को संभालने वाली संयुक्त कार्यबल कमान कोरल पीसकीपर के बीच कोरल अभ्यास होता है।
हाल ही में, वुवाले पार्टनरशिप के तहत, रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना ने दो सप्ताह के लिए फ़िजी में एक सी-27 [लाइट टैक्टिकल एयरलिफ़्ट] विमान तैनात किया, जिससे हमें अपने हवाई अभियान की योजना बनाने और निष्पादित करने में मदद मिली। इसके अतिरिक्त, ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल शांति मिशन के लिए हमारे सैनिकों को एयरलिफ़्ट प्रदान करता है। [मार्च 2022] डुवाटा पार्टनरशिप के तहत न्यूज़ीलैंड के साथ प्रशिक्षण आदान-प्रदान भी होते हैं, जिसमें फ़िजी की इन्फै़ंट्री बटालियन को फ़िजी और न्यूज़ीलैंड दोनों में प्रशिक्षण और अटैचमेंट आयोजित करने के लिए दूसरी/पहली बटालियन के साथ भागीदारी की जाती है।

नए फ़ोरम
हाल के घटनाक्रम में पैसिफ़िक स्मॉल आर्मीज़ फ़ोरम शामिल हैं। यह न्यूज़ीलैंड सेना से आर्थिक सहायता प्राप्त कार्य समूह है जिसकी शुरुआत न्यूज़ीलैंड के तत्कालीन सेना प्रमुख मेजर जनरल जॉन बोसवेल (John Boswell) ने की थी। इसमें फ़िजी, टोंगा, वानुअतु और पापुआ न्यू गिनी शामिल हैं। फ़ोरम का उद्देश्य हमारे भविष्य के पैसिफ़िक स्मॉल स्टेट्स इन्फ़ैंट्री कंपनी समूह को सहयोग और आकार देना है। आवश्यकता पड़ने पर किसी भी क्षेत्रीय मुद्दे के समाधान के लिए वार्ता का आयोजन किया जा सकता है।
हमने आरएफ़एमएफ़ में रैपिड रिस्पांस इन्फ़ैंट्री कंपनी समूह की स्थापना की है, जो विभिन्न प्रकार के मिशनों में सक्षम है। इनमें मानवीय सहायता व आपदा राहत कार्य, आतंकवाद विरोधी, उभयचर अभियान और विशेष परिचालन कार्य शामिल हैं। यह समूह किसी भी आपात स्थिति में तत्काल तैनाती की अनुमति देता है। इसे पूरे फ़िजी में तैनात किया जा सकता है, और यह सरकार के लिए पारंपरिक व गै़र-पारंपरिक ख़तरों से निपटने के लिए उपलब्ध है।
सुरक्षा चुनौतियों और जलवायु परिवर्तन व पर्यावरणीय क्षति, प्राकृतिक आपदाओं, अंतरराष्ट्रीय अपराध और मानव तस्करी जैसे ग़ैर-पारंपरिक खतरों के संदर्भ में छोटे प्रशांत द्वीप देशों की अलग-अलग प्राथमिकताएँ हैं। और हमारी सीमित क्षमता के कारण, भूमि क्षेत्र से इन चुनौतियों का समाधान संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण और वाणिज्यिक व राष्ट्रीय प्लेटफ़ार्मों के उपयोग पर निर्भर है। युद्ध की तैयारी और संचालन के संदर्भ में, यह आम तौर पर क्षेत्रीय नेटवर्क पर निर्भर होता है, जहाँ हमारे बड़े साझेदारों से उम्मीद की जाती है कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए मंच प्रदान करेंगे कि हम जमीन से हवाई और समुद्री क्षेत्र की रक्षा कर सकें।
ब्रिगेडियर जनरल ओनिसिवोरो कोवुनिसाका ने यह प्रस्तुति मई 2024 के मध्य में होनोलूलू, हवाई में एसोसिएशन ऑफ़ द यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी द्वारा आयोजित लैंड फ़ोर्सेज़ पैसिफ़िक सम्मेलन में दी थी। इसे फ़ोरम के प्रारूप में फ़िट करने के लिए संपादित किया गया है।
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