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दक्षिण कोरिया 2045 तक मंगल ग्रह पर उतरने की योजना बना रहा है उसने अंतरिक्ष एजेंसी लॉन्च की

दक्षिण कोरिया के तत्कालीन राष्ट्रपति यून सूक येओल (Yoon Suk Yeol) ने 2024 के मध्य में देश की पहली अंतरिक्ष एजेंसी के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि दक्षिण कोरिया 2045 तक मंगल ग्रह पर उतरने की योजना बना रहा है और अगले दो दशकों में अंतरिक्ष अन्वेषण पर 72.6 अरब (72.6 बिलियन) डॉलर खर्च करेगा।

यून ने कहा कि कोरिया एयरोस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (KASA) देश की “अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था” का नेतृत्व करेगा, जबकि सैकड़ों व्यवसाय और उद्यम दक्षिण कोरिया को दुनिया की शीर्ष पाँच अंतरिक्ष शक्तियों में से एक बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “केएएसए एयरोस्पेस उद्योग पारिस्थितिकी तंत्र का गहन समर्थन करते हुए और चुनौतीपूर्ण और अभिनव अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देते हुए विशेषज्ञों को तैयार करके एक नए अंतरिक्ष युग की शुरुआत करेगा।” चाँद पर देश की पहली लैंडिंग 2032 में करने की योजना बनाई गई है।

मई 2023 में नूरी रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ दक्षिण कोरिया घरेलू स्तर पर अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान और उपग्रह प्रौद्योगिकी का निर्माण करने वाला सातवाँ देश बन गया, जिसने एक वाणिज्यिक-श्रेणी के उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया।

सियोल 2027 तक कम से कम तीन और अंतरिक्ष प्रक्षेपण की योजना बना रहा है तथा अतिरिक्त सैन्य उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की भी उम्मीद कर रहा है।

जनवरी 2024 में, जापान चाँद पर लैंडर उतारने वाला
पाँचवाँ देश बन गया। भारत पिछले वर्ष ऐसा करने वाला चौथा देश था। 

जापान मंगल ग्रह पर एक रोवर मिशन की भी योजना बना रहा है।  रॉयटर्स


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