एकीकृत प्रतिरोध
मल्टीडोमेन ऑपरेशंस, इंटरऑपरेबिलिटी के लिए सहयोगियों और विरोधियों को जानना महत्वपूर्ण है

लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) इन-बम चम/कोरिया गणराज्य की सेना
अमेरिकी सेना के 2022 फ़ील्ड मैनुअल ऑपरेशंस के अनुसार, बहुक्षेत्रीय संचालन को संयुक्त रूप से हथियार तैनात करने, उद्देश्यों को प्राप्त करने, संयुक्त बलों के कमांडरों की मदद से दुश्मनों को हराने के लिए सापेक्ष लाभ हासिल करने और उसका लाभ उठाने के रूप में परिभाषित किया गया है। इस दृष्टिकोण में एक सहक्रियात्मक प्रभाव प्राप्त करने के लिए कई डोमेन – भूमि, वायु, समुद्र, अंतरिक्ष और साइबरस्पेस – में संचालन को एकीकृत और सिंक्रनाइज़ करना शामिल है जो पारंपरिक, एकल-क्षेत्र संचालन के तहत नहीं किया जा सकता।
अमेरिका, उसके सहयोगी और भागीदार प्रत्येक राष्ट्र की क्षमताओं को समझने और पूरा करने का प्रयास करते हैं। उनका लक्ष्य दुश्मन को हराने के सामान्य लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इन क्षमताओं का एक साथ उपयोग करना है। इसके साथ ही, उत्तर कोरिया समेत हमारे विरोधी हमारी ताक़त को समझने और हमारी कमज़ोरियों का फ़ायदा उठाने का प्रयास करते हैं। इस तरह की स्थिति के लिए हमारी और हमारे सहयोगियों और विरोधियों दोनों की क्षमताओं की व्यापक समझ की आवश्यकता होती है।

शासन को समझना
उत्तर कोरियाई शासन की विशेषताएँ ऐतिहासिक और वैचारिक संस्थाओं की याद दिलाती हैं। इसमें एक संगठित अपराध संगठन के तत्वों, सोवियत संघ के स्टालिन युग की विशिष्ट क्रूर फांसी, माओवादी चीन की हठधर्मिता, एक सख़्त जाति व्यवस्था और एक पंथ का वर्चस्व शामिल है। इन सब चीज़ों से काफ़ी हद तक सैन्यीकृत राष्ट्र का निर्माण होता है।
उत्तर कोरियाई शासन की गुप्त प्रकृति के कारण उसके संचालन और इरादों के बारे में विश्वसनीय जानकारी एकत्र करना असाधारण रूप से कठिन होता है। शासन सैद्धांतिक पत्रिकाएँ प्रकाशित नहीं करता, न ही यह बाहरी दुनिया के साथ सार्वजनिक या गुप्त रूस से बातचीत करता है। कभी-कभार जब पश्चिमी या दक्षिण कोरियाई लोग उत्तर कोरियाई लोगों के साथ बातचीत करते हैं, तो उनके कार्यों और शब्दों को प्रतिबिंबित करने की प्रवृत्ति होती है, उन पर हमारी अपनी अपेक्षाओं और धारणाओं को रखकर देखा जाता है।
उत्तर कोरियाई नेताओं की बात ध्यान से सुनना ज़रूरी होता है। अक्सर, वे स्पष्ट रूप से अपने इरादे बताते हैं, और अमेरिका और उसके सहयोगियों और साझेदारों को उनके कार्यों का सटीक अनुमान लगाने के लिए उनके शब्दों को गंभीरता से लेना चाहिए।
शासन की क्षमताएँ
बहुक्षेत्रीय संचालन के मामले में, उत्तर कोरियाई सेना पहले ही महत्वपूर्ण क्षमताओं का प्रदर्शन कर चुकी है। इसके पास जीपीएस जैमिंग तकनीक है और यह अन्य इलेक्ट्रॉनिक जवाबी कार्रवाई क्षमताएँ विकसित कर रहा है। उत्तर कोरिया के पास उन्नत साइबरयुद्ध क्षमताएँ भी हैं। परमाणु हथियारों से लैस उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया और जापान के लिए सीधा ख़तरा है, और कुछ समय में ही शासन अमेरिका महाद्वीप पर हमला करने की क्षमता विकसित कर लेगा।
रूस के साथ बढ़ते संबंधों से मिलने वाला फ़ायदा और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (पीआरसी) के समर्थन से उत्तर कोरिया की स्थिति और मज़बूत होती है। अमेरिका और उसके सहयोगी व भागीदार अंतरिक्ष में उत्तर कोरियाई गतिविधि बढ़ने की उम्मीद कर सकते हैं, क्योंकि शासन तकनीकी व रणनीतिक क्षमताओं का विकास जारी रखे हुए है।

उत्तर कोरिया के उद्देश्य
उत्तर कोरियाई शासन इस बात से भली-भांति परिचित है कि उसकी सेना पारंपरिक सैन्य प्रतिस्पर्धा में अमेरिकी टैंकों, विमानों या यहाँ तक कि अमेरिकी सैनिकों की बराबरी नहीं कर सकती। ऐसा लगता है कि इसके नेताओं ने यह मान लिया है कि वे विभिन्न क्षेत्रों में आमने-सामने के संघर्ष में अमेरिका को नहीं हरा सकते। हालाँकि, वे अमेरिकियों के प्रति गहरी घृणा रखते हैं और उन्होंने एक अलग युद्धक्षेत्र की पहचान की है: मनोवैज्ञानिक क्षेत्र।
उत्तर कोरिया का लंबे समय से मानना है कि अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण अमेरिकी लोगों की इच्छा है – अनिवार्य रूप से, अमेरिकी जनता की राय। शुरू से ही, शासन ने रणनीति के तहत तीन प्राथमिक उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित किया है: दक्षिण कोरियाई सरकार को भ्रष्ट और पतनशील बताकर बदनाम करना; कोरिया गणराज्य (आरओके)-अमेरिका गठबंधन को कमज़ोर करना ; और अमेरिकी जनता को स्तब्ध करने के लिए एक हाई-प्रोफ़ाइल हमले को अंजाम देना, जिसमें बड़े पैमाने पर लोग हताहत हों।
उदाहरण के लिए,1980 के दशक में, उत्तर कोरियाई शासन का मानना था कि एक अमेरिकी वाहक को डुबाना और एक झटके में 5,000 अमेरिकी नाविकों को मारना अमेरिकी संकल्प को काफ़ी कमज़ोर कर देगा। हालाँकि, व्यवहारिक रूप से, इस तरह की कार्रवाई से अमेरिकी संकल्प मजबूत होगा और देशभक्ति बढ़ेगी। वर्तमान उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन अब भी मानते हैं कि यदि शासन बड़ी संख्या में अमेरिकियों को मारकर संघर्ष को लम्बा खींच पाता है, तो जनता के समर्थन की कमी के कारण अमेरिका अंततः पीछे हट जाएगा।
इस प्रकार का मनोवैज्ञानिक युद्ध पहले से ही जारी है शासन जनता की राय और निर्णय लेने को प्रभावित करने और हेरफेर करने के लिए धमकी, रिश्वतख़ोरी और भ्रामक बयानबाज़ी का उपयोग करता है। महत्वपूर्ण प्रश्न है: अमेरिका, उसके सहयोगी और भागीदार इन प्रयासों का मुक़ाबला करने के लिए क्या कर रहे हैं?
हम सावधानीपूर्वक अभियानगत योजनाओं का मसौदा तैयार करते हैं और फिर सूचना संचालन, रणनीतिक संचार और असैन्य-सैन्य संचालन के लिए अनुबंध करते हैं जबकि मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमारे विरोधी, विशेष रूप से कम्युनिस्ट शासन, अक्सर मनोवैज्ञानिक अभियान को प्राथमिकता देते हैं। वे अपनी मनोवैज्ञानिक अभियान योजनाओं के इर्द-गिर्द अपनी समग्र रणनीतियाँ तैयार करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि अन्य सभी ऑपरेशन उनके मनोवैज्ञानिक युद्ध उद्देश्यों के अनुरूप हों।

मनोवैज्ञानिक युद्ध का मुक़ाबला
आरओके-अमेरिका गठबंधन ने संघर्ष में दिल और दिमाग़ पढ़ने के महत्व को नज़रअंदाज़ कर दिया है। असैन्य-सैन्य अभियान महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यहीं पर उत्तर कोरिया और संभावित रूप से पीआरसी समेत हमारे विरोधी अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारे विरोधी अकल्पनीय हताहतों को झेलने, अपनी आबादी पर सख्त नियंत्रण बनाए रखने और साथ ही गठबंधन में घुसपैठ करने और जनमत को प्रभावित करने में सक्षम हैं।
दिल और दिमाग़ की लड़ाई जारी है, और उत्तर कोरिया और पीआरसी आगे चल रहे हैं। मनोवैज्ञानिक युद्ध पर उनका ध्यान – प्रचार, मनोवैज्ञानिक हेरफेर और रणनीतिक संचार का उपयोग करके – अपने विरोधियों की इच्छाशक्ति और एकता को नष्ट करना है। इसका मुक़ाबला करने के लिए, अमेरिका और उसके सहयोगियों और साझेदारों को व्यापक रणनीतियाँ विकसित और कार्यान्वित करनी चाहिए जो युद्ध के मनोवैज्ञानिक और पारंपरिक दोनों क्षेत्रों से जुड़ी हों।
भविष्य के जवाबी क़दम
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, हमें अपनी आबादी और अपने सहयोगियों के साथ विश्वास बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पहचानना चाहिए। इसमें मज़बूत रणनीतिक संचार योजनाएँ और असैन्य-सैन्य पहल विकसित करना शामिल है जो जनता के अनुरूप हों और दुश्मन के दुष्प्रचार का मुक़ाबला कर सकें।
दूसरा, हमें एक स्पष्ट और एकीकृत रणनीति के साथ शुरुआत करके अपने गठबंधनों को मज़बूत करने की ज़रूरत है। इसमें पारदर्शी संचार, संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास और समन्वित सूचना अभियान शामिल हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सहयोगी समान उद्देश्यों के लिए काम कर रहे हैं।

प्राचीन चीनी सैन्य रणनीतिकार सन त्ज़ु (Sun Tzu) के शब्दों में, “यदि आप अपने दुश्मन को जानते हैं और ख़ुद को जानते हैं, तो आप सौ लड़ाइयों में ख़तरे में नहीं पड़ना चाहेंगे।” हमारे विरोधियों की मनोवैज्ञानिक रणनीतियों को समझना और मनोवैज्ञानिक व पारंपरिक युद्ध के लिए अपना दृष्टिकोण विकसित करना हमारे रणनीतिक लाभ को बनाए रखने और दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक होगा। लेकिन अपने सहयोगियों को समझने से शुरुआत करना अधिक महत्वपूर्ण है।
मनोवैज्ञानिक युद्ध के महत्व को पहचानकर और इसे अपनी समग्र रणनीति में एकीकृत करके, अमेरिका और उसके सहयोगी व साझेदार उत्तर कोरियाई शासन और अन्य विरोधियों से उत्पन्न ख़तरों का मुक़ाबला करने के लिए बेहतर तैयारी कर सकते हैं। इस दृष्टिकोण के लिए हमारी राष्ट्रीय रक्षा रणनीति के प्रमुख घटकों के रूप में मनोवैज्ञानिक संचालन, रणनीतिक संचार और असैन्य-सैन्य संबंधों के महत्व पर ज़ोर देते हुए सैन्य और सरकारी संचालन के सभी स्तरों पर एक ठोस प्रयास की आवश्यकता होगी।
उत्तर कोरियाई शासन के बहुक्षेत्रीय संचालन और मनोवैज्ञानिक युद्ध रणनीतियों का प्रभावी ढंग से मुक़ाबला करने के लिए, हमें यह करना होगा:
व्यापक सूचना आदान-प्रदान और रणनीतिक संचार योजनाओं को विकसित व कार्यान्वित करें, जो उत्तर कोरियाई भ्रामक प्रचार का मुक़ाबला कर सकें।
एकीकृत रणनीतियों और समन्वित प्रयासों के माध्यम से गठबंधन को मजबूत करें।
हमारी आबादी और हमारे सहयोगियों दोनों के दिल और दिमाग को जीतने के लिए असैन्य-सैन्य अभियानों के महत्व पर जोर दें।
बहुक्षेत्रीय अभियान और मनोवैज्ञानिक युद्ध के उभरते परिदृश्य में अपने विरोधियों से आगे रहने के लिए निरंतर परिस्थितियों को समझें और नए तरीके अपनाएँ।
ये क़दम उठाकर, हम न केवल पारंपरिक ख़तरों से बचाव बल्कि अपने विरोधियों की मनोवैज्ञानिक युद्ध की कपटी व व्यापक रणनीतियों का मुक़ाबला करने के लिए भी तैयार हो सकते हैं।
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