मुक्त और खुले इंडो-पैसिफ़िक को प्रस्तुत करता संयोजित, समृद्ध, प्रतिरोधक्षम, सुरक्षित साझा दृष्टिकोण
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फ़ोरम स्टाफ़
एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका की इंडो-पैसिफ़िक रणनीति का कार्यान्वयन प्रगति पर है। अधिकारियों ने कहा कि सहयोगियों और साझेदारों के बीच सहयोग उस स्तर पर पहुँच गया है जो इस क्षेत्र और अमेरिका को पहले से कहीं अधिक समृद्ध और सुरक्षित बनाता है।
अपनी रणनीति शुरू करने के बाद से, अमेरिका ने क्षेत्रीय परस्पर-वार्ता को पुनर्जीवित किया और नए मानक स्थापित किए हैं। अमेरिकी नीति निर्माताओं, राजनयिकों और सैन्य नेताओं ने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने, अर्थव्यवस्थाओं के सुदृढ़ीकरण तथा आपदा से बाहर निकलने व जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का समाधान करने के लिए इंडो-पैसिफ़िक समकक्षों के साथ मुलाक़ात की।
इस बीच, अमेरिका ने यूरोपीय समकक्षों के साथ इंडो-पैसिफ़िक राष्ट्रों को साझेदार बनाने के लिए काम किया। “आज, हम यूरोप और इंडो-पैसिफ़िक, दोनों में इस बात की स्वीकार्यता देखते हैं कि किसी एक क्षेत्र के अवसर और चुनौतियाँ, सीधे दूसरे को प्रभावित करती हैं,” व्हाइट हाउस ने 11 फरवरी 2024 को कहा।
अमेरिका स्थित कॉलेज ऑफ़ विलियम एंड मेरीज़ ग्लोबल रिसर्च इंस्टीट्यूट की शोध प्रयोगशाला, AidData ने 2012-22 तक इंडो-पैसिफ़िक में अमेरिकी जुड़ाव के आर्थिक मूल्य पर नज़र रखी है। 46 क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं के डेटा का आकलन करते हुए, लैब ने फरवरी 2024 में बताया कि अमेरिकी व्यापार, सहायता, प्रेषण और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश कुल 2450 हज़ार करोड़ ($24.5 ट्रिलियन) अमेरिकी डॉलर था और उस अवधि में 18% की वृद्धि हुई। AidData के नीति विश्लेषण की निदेशिका सामंथा कस्टर (Samantha Custer) ने कहा, प्रशांत द्वीप की अर्थव्यवस्थाएँ सर्वाधिक प्रति व्यक्ति लाभार्थियों में से थीं। उन्होंने कहा, अमेरिकी सरकार के निवेश के अलावा, अमेरिकी कंपनियाँ इस क्षेत्र में प्रमुख व्यापारिक भागीदार बन रही हैं और निजी परोपकारी संस्थाएँ भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
AidData के शोध से पता चलता है कि अमेरिका इस क्षेत्र में सहायता प्रदाता से निवेश भागीदार के रूप में विकसित हुआ है।
रणनीति को क्रियान्वित करने वाली अमेरिकी संस्थाओं में: वाणिज्य, रक्षा और राज्य विभाग; अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी; और व्यापार एवं विकास एजेंसी शामिल हैं। “संयुक्त राज्य अमेरिका ने इंडो-पैसिफ़िक के लिए नेतृत्व और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन जारी रखा है, 21वीं सदी की चुनौतियों और अवसरों से निपटने के लिए क्षेत्र की क्षमता तथा प्रतिरोध क्षमता को मज़बूत किया है और दिखाया है कि हम साथ मिलकर बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।” अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा।
अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इंडो-पैसिफ़िक में दुनिया की आधी से अधिक आबादी और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 60% हिस्सा है। 2022 में अमेरिका और क्षेत्र के बीच व्यापार 2 लाख करोड़ ($2 ट्रिलियन) अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया।
एडमिरल जॉन एक्विलिनो (John Aquilino), अमेरिकी इंडो-पैसिफ़िक कमांड के कमांडर ने इस क्षेत्र को दुनिया का सबसे अहम रंगमंच कहा। “इसलिए, हमें सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना होगा और हमारे लिए यह समझना ज़रूरी है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, साथ ही हमारे सहयोगियों व साझेदारों के लिए, हम इसे अकेले नहीं करने जा रहे हैं और यह हमारी सरकार की शक्तियों के हर स्वरूप को आत्मसात करेगा,” उन्होंने जनवरी 2024 में हवाई में आयोजित पैसिफ़िक फ़ोरम सम्मेलन में कहा।
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