भूकंप से तबाह हुए जापानी समुदायों को रसद पहुँचाता अमेरिका
फ़ोरम स्टाफ़
संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना के दो UH-60 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर 1 जनवरी, 2024 को आए भूकंप से तबाह हुए जापान के नोटो प्रायद्वीप के कस्बों और गाँवों में आवश्यक रसद — भोजन, कंबल और चिकित्सा संसाधन – पहुँचा रहे हैं। भूकंप में 220 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिसने क्षेत्र की कुछ मुख्य सड़कों सहित इमारतों और आधारभूत संरचनाओं को नष्ट या क्षतिग्रस्त कर दिया, और बाद के झटकों और अत्यंत-ठंडे तापमान ने बचाव प्रयासों में बाधा उत्पन्न की।
जापान ने अमेरिकी सहायता का अनुरोध किया, जिसमें टोक्यो में अमेरिकी दूतावास से $100,000 अमेरिकी डॉलर का सहायता पैकेज शामिल है। अमेरिकी हवाई सहायता, जापान सेल्फ़-डिफ़ेंस फ़ोर्सेस (JSDF) के बचावकर्मियों को जापान सागर में प्रवेश करने वाले प्रायद्वीप से घायल और विस्थापित निवासियों को निकालने पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम बनाती है। भूकंप से क्षतिग्रस्त सड़कों और बंदरगाहों के कारण, हवाई परिवहन उस क्षेत्र तक पहुँच का प्राथमिक साधन था, जहाँ बुजुर्ग निवासियों का उच्च प्रतिशत है।
स्टार्स एंड स्ट्राइप्स अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, यू.एस.आर्मी एविएशन बटालियन जापान ने, जिसका मुख्यालय कनागावा प्रान्त के कैम्प ज़ामा में है, हेलीकॉप्टर प्रदान किए। विमान को अस्थायी रूप से इशिकावा प्रान्त के पश्चिमी तट पर स्थित कोमात्सु एयर बेस को सौंपा गया और वह नोटो हवाई अड्डे पर राहत सामग्री ले जाएगा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, लगभग 7,000 JSDF सैनिक राहत अभियान चला रहे हैं, जिसमें नोटो हवाई अड्डे से निकासी आश्रयों तक रसद पहुँचाना भी शामिल है। जापान के रक्षा मंत्री माइनोरू किहारा (Minoru Kihara) ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भूकंप क्षेत्र में 50 विमान और 10 जहाज़ भी काम कर रहे हैं।
“यह ऑपरेशन हमारे सहयोगी जापान के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता और इस प्राकृतिक आपदा से उबर रहे जापान के लोगों के प्रति अमेरिका की सहानुभूति का स्पष्ट प्रदर्शन है,” यू.एस. फ़ोर्सेस जापान के कमांडर, अमेरिकी वायु सेना के लेफ़्टिनेंट जनरल रिकी रूप (Ricky Rupp) ने एक बयान में कहा।
7.6 तीव्रता का यह भूकंप, 2016 में दक्षिण-पश्चिमी कुमामोटो प्रान्त में आए दो भूकंपों के बाद, जिनमें 276 लोगों की मौत हुई, जापान का सबसे घातक भूकंप था। द जापान टाइम्स अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, नोटो भूकंप के कारण 5 मीटर ऊँची सुनामी आई और आग लग गई, जिससे वाजिमा शहर में 200 से अधिक दुकानें और आवास जल गए। भूकंप का प्रभाव प्रायद्वीप के सुदूर इलाकों में विशेष रूप से गंभीर रहा। अख़बार ने बताया कि जनवरी के मध्य तक 22 लोग लापता थे।
द डिप्लोमैट पत्रिका की रिपोर्ट के अनुसार, किहारा ने कहा कि JSDF यू.एस. फ़ोर्सस जापान के साथ मिलकर काम करता है, जिसके पास तुरंत प्रतिक्रिया करने वाले रोटरी-विंग विमान उपलब्ध हैं।
2011 में जापान के उत्तरपूर्वी तोहोकू क्षेत्र में आए शक्तिशाली भूकंप और सुनामी के बाद, JSDF और अमेरिकी सेना ने ऑपरेशन टोमोडाची राहत मिशन चलाया, और अमेरिकी कर्मियों ने कुमामोटो भूकंप के बाद आपूर्ति के प्रयासों में भी सहायता की।
जापान में अमेरिकी राजदूत राहम एमानुएल (Rahm Emanuel) ने नोटो भूकंप के बाद सोशल मीडिया पर लिखा, “एक सच्चा दोस्त न केवल अच्छे समय में साथ देता है, बल्कि बिना चूक के चुनौतीपूर्ण समय में भी साथ देता है।” “[अमेरिका] भूकंप की प्रतिक्रिया में अपने मित्र और सहयोगी का समर्थन करने के लिए यहाँ मौजूद है।”
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