उत्तर कोरिया-रूस के हथियार सौदे ने क्षेत्र को किया अस्थिर, परमाणु अप्रसार के प्रयासों को किया कमज़ोर

फ़ोरम स्टाफ़
उत्तर कोरिया और रूस की कार्रवाइयाँ इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में बहुराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार प्रयासों को कमज़ोर कर रही हैं। कोरिया विशेषज्ञ और सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के पूर्व विश्लेषक सू मी टेरी (Sue Mi Terry) ने सेंटर फ़ॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़’ (CSIS) कैपिटल केबल वेब सीरीज़ के एक एपिसोड में कहा कि मॉस्को और प्योंगयांग के बीच सहयोग बढ़ने से उत्तर कोरिया के निरंकुश शासन को अपने प्रतिबंधित बैलिस्टिक और परमाणु हथियार कार्यक्रमों में तेज़ी लाने के लिए आसूचना, विश्लेषण और संवेदनशील तकनीक तक पहुँच मिलेगी।
सितंबर 2023 में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन (Kim Jong Un) के साथ एक बैठक में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने संकेत दिया कि रूस, वर्ष की शुरुआत में उत्तर कोरिया के दो असफल प्रयासों के बाद — उसे टोही उपग्रह लॉन्च करने में मदद करेगा।
वीडियो आभार: रॉयटर्स
योनहप समाचार एजेंसी के अनुसार, दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय आसूचना सेवा ने बताया कि मॉस्को की तकनीकी मदद से उत्तर कोरिया दो महीने बाद कक्षा में अपना पहला उपग्रह स्थापित कर पाया। रूस के क़दम उत्तर कोरिया के मिसाइल कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगाने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों की अवहेलना करते हैं, जिसका वह स्थायी सदस्य है, जिस प्रतिबंध में उपग्रहों को लॉन्च करने वाले रॉकेट भी शामिल हैं।
जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त राज्य अमेरिका ने किम और पुतिन के बीच की व्यवस्था की निंदा की, जिसके माध्यम से यूक्रेन पर अकारण युद्ध छेड़ने के लिए रूस द्वारा उपयोग किए जाने वाले हथियारों के बदले में उत्तर कोरिया को प्रौद्योगिकी सहायता मिलती है।
CSIS की बियॉन्ड पैरेलल वेबसाइट के अनुसार, 2023 के अंत की सैटेलाइट छवियाँ पूर्वोत्तर उत्तर कोरिया के नाजिन में बंदरगाह पर नौपरिवहन में वृद्धि दिखाती हैं, अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार प्योंगयांग इसका उपयोग रूस को तोपों के परिवहन के लिए उपयोग कर रहा है। इस तरह का आदान-प्रदान उत्तर कोरिया के साथ हथियारों के व्यापार पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध का उल्लंघन करता है।
पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (PRC) के साथ मिलकर रूस ने प्योंगयांग के हथियार कार्यक्रमों पर अंकुश लगाने के हालिया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उपायों को अवरुद्ध किया है — 2006 में परमाणु हथियार और संबंधित गतिविधियों के विकास के लिए उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने के बाद चीन और रूस ने 10 प्रस्तावों का समर्थन किया है।
2017 में अपनाए गए सबसे हालिया प्रतिबंधों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को किम शासन द्वारा अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने पर, पेट्रोलियम निर्यात पर सख़्त प्रतिबंध लगाने के प्रति वचनबद्ध किया। हालाँकि, इस तरह के कई मिसाइल प्रक्षेपणों के बाद, चीन और रूस ने अतिरिक्त प्रतिबंधों की माँग करने वाले 2022 के प्रस्ताव पर वीटो कर दिया।
किम, रूस के साथ अपने बढ़ते संबंधों और उत्तर कोरिया में भोजन की कमी तथा बिगड़ती आर्थिक स्थितियों से ध्यान हटाने की अपनी चाहत के बूते पर, हठधर्मिता के साथ कार्रवाई कर सकते हैं, उत्तर कोरियाई मानवाधिकार मुद्दों से जुड़े अमेरिका के पूर्व विशेष दूत रॉबर्ट किंग (Robert King) ने नवंबर 2023 में कैपिटल केबल पर कहा।
उन्होंने कहा कि वैसे चीन और रूस नहीं चाहते कि युद्धरत उत्तर कोरिया उन्हें संघर्ष में घसीटे, पुतिन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने स्पष्ट कर दिया है कि वे कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण के अंतरराष्ट्रीय आह्वान का समर्थन नहीं करेंगे।
टेरी ने कहा कि बीजिंग और मॉस्को ने प्योंगयांग के अस्थिर करने वाले हथियार विकास पर लगाम लगाने के प्रति “पूरी तरह अनिच्छा” प्रदर्शित की है। “उत्तर कोरिया बिना सज़ा पाए नियम तोड़ना जारी रखेगा,” उन्होंने यह कहते हुए अपनी बात आगे बढ़ाई कि अमेरिका, उसके सहयोगी और साझेदार उत्तर कोरियाई आक्रामकता को रोकने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
सियोल, तोक्यो और वाशिंगटन, प्योंगयांग के परमाणु और मिसाइल विकास तथा इसे सक्षम करने वाले साइबर चोरी व अवैध हथियार अंतरणों का मुक़ाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का आह्वान करते रहते हैं। राष्ट्रों ने त्रिपक्षीय साझेदारी की दृश्यता भी बढ़ाई है और सैन्य अभ्यास को मज़बूत किया है।
द एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों के सुरक्षा सलाहकारों ने दिसंबर 2023 में दक्षिण कोरिया में मुलाक़ात की और उसी महीने से रियल-टाइम सूचना साझा करने के साथ प्योंगयांग के अवैध मिसाइल परीक्षण तथा अंतरिक्ष गतिविधियों पर प्रतिक्रियाओं को बढ़ाने का संकल्प किया। ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने भी सामूहिक विनाश के अस्त्रों के कार्यक्रम का समर्थन करने वाले उत्तर कोरियाई एजेंटों की विदेशी स्वामित्व वाली परिसंपत्तियों को ज़ब्त करने संबंधी प्रतिबंध लगाए।
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