OBOR योजना ने PRC को बनाया दुनिया का सबसे बड़ा ऋण संग्राहक
फ़ोरम स्टाफ़
संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित अनुसंधान प्रयोगशाला AidData की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (PRC)— दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था — अब अंतरराष्ट्रीय ऋण का दुनिया का सबसे बड़ा स्रोत है।
AidData की गणना के अनुसार बीजिंग द्वारा अपनी वन बेल्ट, वन रोड (OBOR) आधारभूत संरचना की योजना के हिस्से के रूप में दिए गए आधे से अधिक ऋणों ने, ऐसे समय में अपनी मूल भुगतान अवधि में प्रवेश किया है जब वैश्विक ब्याज दरों में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे समायोज्य दर वाले ऋणों की वजह से पहले से ही नक़दी की कमी वाले देशों के कुल ऋण बोझ में वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील देशों में चीन के लगभग 75% ऋण, वित्तीय संकटग्रस्त देशों के लिए हैं।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के महासचिव शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने इस इरादे के साथ 2013 में OBOR की शुरुआत की थी कि बंदरगाहों, सड़कों, बिजली संयंत्रों और अन्य आधारभूत संरचनाओं सहित परियोजनाओं के ज़रिए इंडो-पैसिफ़िक, अफ़्रीका, लैटिन अमेरिका और यूरोप में ‘साझा हितों का व्यापक समुदाय’ बनाया जाए। बीजिंग ने तब से 165 निम्न और मध्यम आय वाले देशों में लगभग 21,000 परियोजनाओं के लिए ऋण और अनुदान में 134 हज़ार करोड़ ($1.34 ट्रिलियन) अमेरिकी डॉलर प्रदान किए हैं, जिनमें से अधिकांश OBOR के तहत हैं।
कई देश अपने ऋणों के भुगतान के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि बीजिंग आर्थिक सहायता का अरबों ऋण दे रहा है। AidData ने बताया कि चीन “किसी अंतरराष्ट्रीय संकट मोचक की तरह अधिकाधिक व्यवहार कर रहा है,” और OBOR परियोजनाओं को अपनाने वाले आर्थिक रूप से संकटग्रस्त देशों के लिए प्रभावी रूप से सुरक्षा जाल बुना है।
बीजिंग अपने संभाव्य हानि के जोखिम को कम करने के लिए संघर्ष कर रहा है। चीनी ऋणदाताओं ने आधारभूत संरचना संबंधी परियोजनाओं के लिए ऋण को 2015 में अपने पोर्टफ़ोलियो के 60% से घटाकर 2021 में लगभग 30% कर दिया है, जिसमें आपातकालीन ऋण अब लगभग 60% है। वर्जीनिया के विलियम एंड मेरी विश्वविद्यालय में स्थित AidData के अनुसार, ऋणदाताओं ने देरी से भुगतान के लिए अधिकतम जुर्माना ब्याज दर को 3% के दोगुना से भी ज़्यादा 8.7% करते हुए सख़्त जुर्माना लगाया है। शी ने OBOR को फिर से ब्रांड करने की कोशिश की है क्योंकि इस योजना के लिए समर्थन कम हो गया है, और वह डिजिटल वित्त और ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म सहित “लघु, पर्यावरणोन्मुखी” परियोजनाओं के लिए ज़ोर दे रहे हैं।
“बीजिंग ऐसे समय में दुनिया के सबसे बड़े आधिकारिक ऋण संग्राहक के रूप में अपना पैर जमाने की कोशिश कर रहा है जब उसके कई काफ़ी बड़े उधारकर्ताओं के पास नक़दी नहीं है या वे दिवालिया हो गए हैं,” AidData के कार्यकारी निदेशक ब्रैडली पार्क्स (Bradley Parks) ने द गार्डीयन अख़बार को बताया। “और ऋण संग्राहक बहुत सारी लोकप्रियता प्रतियोगिताएँ नहीं जीतते हैं।”
OBOR परियोजनाओं के शिकार राष्ट्रों के अनियंत्रित ऋण के अलावा, पर्यवेक्षकों ने वित्तीय तथा पर्यावरणीय जोखिमों और बढ़ी हुई लागत के समक्ष ऋणधारियों को असुरक्षित करते हुए राज्य संचालित अपनी कंपनियों के साथ बोली न लगाने वाले अनुबंध की पेशकश करने की चीन की रणनीति की ओर इशारा किया है। 2017 में, श्रीलंका ने देश के दक्षिणी तट पर स्थित हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल की लीज़ के तहत चीन को सौंप दिया। इस सौदे ने श्रीलंका के लगभग 100 करोड़ ($1 बिलियन) अमेरिकी डॉलर के क़र्ज़ को मिटा दिया, लेकिन चिंताएँ बढ़ा दीं कि इस क़दम से द्वीप पर चीनी सैन्य अड्डा बन सकता है।
AidData ने निम्न और मध्यम आय वाले देशों के बीच चीन की गिरती गैलप वर्ल्ड पोल अनुमोदन रेटिंग का हवाला दिया, जो 2019 में 56% से घटकर 2021 में 40% हो गई। कुछ देशों ने OBOR परियोजनाओं को रद्द कर दिया है। अक्तूबर 2023 में, फ़िलिपींस ने चीन के वित्तपोषण के ज़रिए तीन रेल लाइनों के निर्माण की योजना को छोड़ दिया, और इसके बजाय वित्तपोषण के लिए भारत और जापान की तरफ़ निगाह की। 2023 के मध्य में, इटली ने घोषणा की कि वह OBOR को छोड़ देगा।
इस बीच, यू.एस. इंटरनेशनल डेवलपमेंट फ़ाइनेंस कॉर्प और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों ने 2018 में एजेंसी की स्थापना के बाद से वैश्विक स्तर पर वित्तपोषण में 4100 करोड़ ($41 बिलियन) अमेरिकी डॉलर प्रदान किए हैं, जिसमें श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह में गहरे पानी के शिपिंग कंटेनर टर्मिनल के विकास में मदद के लिए हाल ही में 50 करोड़ ($500 मिलियन) अमेरिकी डॉलर की प्रतिबद्धता शामिल है।
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