पूर्वोत्तर एशिया / NEAफ़ीचरसाझेदारी

महत्वपूर्ण खनिज: एक संसाधन दौड़

बहुपक्षीय भागीदारों का लक्ष्य है जोखिम भरी आपूर्ति शृंखलाओं पर क़ाबू पाना, पर्यावरण, सामाजिक मानकों को क़ायम रखना

फ़ोरम स्टाफ़

वै श्विक हरित ऊर्जा परिवर्तन को सशक्त बनाने के लिए — जो सरकारों, सेनाओं और नागरिकों पर जलवायु परिवर्तन के अस्थिर प्रभावों का मुक़ाबला करता है — दुनिया के महत्वपूर्ण खनिज उत्पादन में भारी वृद्धि की आवश्यकता होगी। पृथ्वी और उसके निवासियों पर प्रभाव को कम करते हुए विस्फोटक माँग को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और स्थिरता के विकसित मॉडल की आवश्यकता होगी।

खनिज के खनन और प्रसंस्करण के इर्द-गिर्द पर्यावरणीय तबाही अच्छी तरह प्रलेखित है, विशेष रूप से पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) में, जहाँ दुनिया की महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति पर लगभग एकाधिकार, आर्थिक कारकों के साथ-साथ खनिज संपदा से भी प्रेरित है। चीन और अन्य परियोजनाओं के इर्द-गिर्द देशज लोगों और विकासशील देशों के साथ असमान व्यवहार को लेकर दुनिया भर में चिंताएँ हैं। सीमित क्षेत्रों में केंद्रित आपूर्ति शृंखलाओं का मतलब है कि खनिजों तक पहुँच पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। बेहद ख़राब स्थिति में, महत्वपूर्ण सामग्रियों को आयात-निर्भर देशों के ख़िलाफ़ हथियार बनाया जा सकता है — और ऐसा किया गया है।

दुनिया भर में बनने वाली बहुपक्षीय साझेदारियों का उद्देश्य आपूर्ति शृंखलाओं में विविधता लाना और महत्वपूर्ण खनिजों के उत्पादन की पर्यावरणीय और सामाजिक लागतों का समाधान करना है। उदाहरण के लिए, स्थायी खनिज सोर्सिंग और नैतिक खनन का समर्थन करने हेतु ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ, फ़िनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, नॉर्वे, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के सदस्यों के साथ खनिज सुरक्षा साझेदारी (MSP) 2022 में गठित की गई।

मार्च 2022 में देश के पहले सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन के लॉन्च पर एक इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने में मदद करते इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo), दाएँ। AFP/Getty images

परिवर्तनकारी खनिज 

महत्वपूर्ण खनिज वे हैं जिन्हें सरकारें, सेनाएँ और उद्योगों द्वारा प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था, रक्षा और सुरक्षा के लिए आवश्यक माना गया है। वे कम उत्सर्जन वाली प्रौद्योगिकी के अलावा स्मार्टफ़ोन, कंप्यूटर, फ़ाइबर-ऑप्टिक केबल और चिकित्सा तथा रक्षा उपकरणों में प्रमुख घटक हैं। महत्वपूर्ण खनिजों में कोबाल्ट, ग्रेफ़ाइट और लिथियम जैसे परिचित तत्व शामिल हैं, जिनका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरी से लेकर जेट इंजन के मिश्र धातु तक में होता है। अधिक अस्पष्ट दुर्लभ-मृदा तत्व (REE), जैसे कि नाइट-विज़न गॉगल्स और हाइब्रिड ऑटोमोबाइल बैटरी में उपयोग किए जाने वाले लैंथेनम या लेज़र तकनीक तथा सटीक-निर्देशित हथियारों में उपयोग किए जाने वाले समैरियम भी प्रमुख हैं। विश्व बैंक की जलवायु अनुकूल खनन पहल का अनुमान है कि दुनिया भर में स्वच्छ ऊर्जा की ओर क़दम, तीन दशकों से भी कम समय में कुछ खनिजों की माँग को लगभग 500% तक बढ़ा सकता है।

चीन बड़े पैमाने पर प्रमुख खनिजों के लिए प्रसंस्करण बाज़ारों को नियंत्रित करता है, दुनिया के कोबाल्ट, लिथियम, निकल और REEs को किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक परिष्कृत करता है, उन मामलों में भी जब वह कच्चे खनिज का शीर्ष उत्पादक नहीं है। विश्लेषकों का कहना है कि चीन ने शिथिल पर्यावरणीय नियमों के अलावा, अपनी कंपनियों को सस्ती ज़मीन और ऊर्जा की पेशकश करके सबसे कम लागत वाला विकल्प बनाया है। परिणाम: अधिकांश प्रौद्योगिकी-ग्रेड खनिजों को चीन में परिष्कृत किया जाता है, भले ही अयस्क का खनन कहीं भी किया गया हो।

हालाँकि, अन्य देशों के पास महत्वपूर्ण खनिजों की बड़ी आपूर्ति है। दुनिया का सबसे बड़ा कोबाल्ट भंडार क्रमशः डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो (DRC), ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में हैं। ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया सबसे बड़े निकल भंडार का दावा करते हैं, उनके बाद ब्राज़ील है। तुर्की में सबसे बड़ा ग्रेफ़ाइट भंडार है, जिसके बाद ब्राज़ील और चीन हैं। ऑस्ट्रेलिया के बाद, चिली दुनिया में लिथियम के सबसे बड़े भंडार का दावा करता है और चीन तीसरे स्थान पर है।

PRC दुनिया के सबसे बड़े REE भंडार का घर है, हालाँकि ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, अमेरिका और अन्य देश निष्कर्षण और शोधन गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं। धातु सामग्रियों का मज़बूत, हल्का वर्ग, REEs शक्तिशाली चुंबकों के लिए महत्वपूर्ण है जो पवन टरबाइन, EV मोटर्स, उपग्रह संचार, मिसाइल गाइडेन्स सिस्टम और असंख्य अन्य प्रौद्योगिकियों को ऊर्जा प्रदान करते हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, कई तत्व, उनके वर्गीकरण के बावजूद, पृथ्वी की बाहरी परत में “अपेक्षाकृत प्रचुर मात्रा में” हैं, लेकिन शायद ही कभी शुद्ध रूप में पाए जाते हैं और उन्हें अलग करने के लिए प्रसंस्करण की आवश्यकता होती है। REEs पर्यावरणीय विनाश से भी जुड़े हुए हैं जो खनन और सामग्रियों के प्रसंस्करण में लापरवाही के परिणामस्वरूप हो सकते हैं।

‘नुक़सान को कम नहीं किया जा सकता’ 

मंगोलिया के भीतरी क्षेत्र में PRC की बायन ओबो खदान दुनिया की सबसे बड़ी REE खदान है और पास की बाओटौ प्रसंस्करण सुविधा-केंद्र के साथ बेहद कुख्यात है। 2019 की क़िताब, “रेयर अर्थ फ़्रंटियर्स: फ़्रॉम टेरेस्ट्रियल सबसॉइल्स टू लूनर लैंडस्केप्स” में अमेरिका के डेलावेयर विश्वविद्यालय में भूगोल की सहायक प्रोफ़ेसर जूली क्लिंगर (Julie Klinger), सुदूर खनन जिले में, जहाँ कभी ख़ानाबदोश मंगोलियाई चरवाहे बसे थे, REE निष्कर्षण और शोधन से रेडियोधर्मी तथा अन्य प्रदूषकों के संपर्क से जुड़े कैंसर के रूपों का वर्णन करती हैं। वह अन्य REE निष्कर्षण- और प्रसंस्करण-संबंधित विषाक्त पदार्थों के मिट्टी पर एकत्र होकर, फ़सलों द्वारा अवशोषित होने या पशुओं द्वारा निगले जाने और पीने के पानी में केंद्रित होने के परिणामस्वरूप होने वाली दुर्बल करने वाली स्थितियों का भी हवाला देती है। क्लिंगर (Klinger) ने लिखा, “दिल दहला देने वाली बात है कि आर्सेनिक विषाक्तता के कारण होने वाले त्वचा के घावों और विकृत हड्डियों और सड़ते दाँतों के कारण, जो क्रोनिक फ्लोरोसिस के लक्षण हैं, असली मूल निवासियों को प्रवासियों से अलग करना अक्सर संभव होता है।”

खनन से भारी धातुओं और रेडियोधर्मी सामग्री से भरी धूल पैदा होती है जो दुर्लभ-मृदा भंडार में होती है। चट्टान से तत्वों को अलग करने में रासायनिक यौगिकों का विषैला मिश्रण शामिल होता है। कुछ अनुमानों के अनुसार, 1 मीट्रिक टन से कम REEs को परिष्कृत करने से 1,800 मीट्रिक टन से अधिक जहरीला अपशिष्ट निकल सकता है। चीन में, उपोत्पादों में ज़हरीली मिट्टी और परिणामी अपशिष्ट से ख़तरे में पड़ी महत्वपूर्ण जल आपूर्ति शामिल है, जैसे कि बाओटौ में कच्ची कृत्रिम झील, जो 100 मिलियन से अधिक लोगों के महत्वपूर्ण जल स्रोत, पीले सागर के 10 किलोमीटर उत्तर में अनुमानित 180 मिलियन मीट्रिक टन “रेडियोधर्मी घोल” से भरी हुई है।

क्लिंगर का कहना है कि उपग्रह साक्ष्य से पता चलता है कि PRC ने पूरे चीन में दशकों के खनन और प्रसंस्करण के कारण नष्ट हुई कुछ भूमि का सुधार किया है, लेकिन सार्वजनिक स्वास्थ्य बोझ में निवेश दिखाने के लिए कम शोध उपलब्ध है। क्लिंगर ने कहा, ग़ैर-ज़िम्मेदार खनन से निकलने वाले कई रसायन शरीर में रह सकते हैं और बहु-पीढ़ीगत स्वास्थ्य दोषों का कारण बन सकते हैं। उन्होंने फ़ोरम को बताया, “जब खनन और औद्योगिक अपशिष्ट के संपर्क की बात आती है, तो आप इससे होने वाले नुक़सान की भरपाई नहीं कर सकते।”

अमेरिका स्थित विल्सन सेंटर में पर्यावरण परिवर्तन और सुरक्षा कार्यक्रम के ग्लोबल फ़ेलो शेरोन बर्क (Sharon Burke) ने फरवरी 2023 में महत्वपूर्ण खनिजों पर एक वेबकास्ट में कहा कि चीन ने पारंपरिक रूप से देश के अंदर और बाहर अपने खनन में शिथिल पर्यावरण मानकों को लागू किया है। “अब, निष्पक्षता से कहें तो, पूरे खनन क्षेत्र का यहाँ कोई अच्छा इतिहास नहीं है,” उन्होंने कहा। “सभी मोर्चों पर समस्याओं का एक लंबा इतिहास है। हालाँकि, हाल के वर्षों में आपने देखा है कि अनेक खनन कंपनियाँ बेहतर निष्पादन और संचालन के लिए बढ़िया सोशल लाइसेंस विकसित करने की कोशिश कर रही हैं। और इसमें उनका पर्यावरणीय आचरण भी शामिल है।” हालाँकि, PRC ने “खनन मुद्दों के इर्द-गिर्द क़ानून के शासन और नियामक निष्ठा पर बेहतर काम करने की पूरी कोशिश नहीं की है,” उन्होंने कहा।

विदेशी दोहन

PRC के विशाल विदेशी खनन निवेश भी जाँच के दायरे में आ गए हैं। उदाहरणों में शामिल हैं:

2013 और 2020 के बीच, वैश्विक ग़ैर सरकारी संगठन (NGO) द बिज़नेस एंड ह्यूमन राइट्स रिसोर्स सेंटर ने चीनी स्वामित्व वाले खनन और धातु उद्योगों में 230 से अधिक मानवाधिकार शिकायतें दर्ज कीं। NGO के अनुसार, PRC में खनन कंपनियों ने एक चौथाई से भी कम मामलों में उन शिकायतों का जवाब दिया। “चीनी कंपनियाँ नागरिक समाज के साथ खुले तौर पर और पारदर्शी तरीक़े से जुड़ने में अनिच्छुक दिखाई देती हैं,” समूह की कार्यक्रम निदेशक गोल्डा एस. बेंजामिन (Golda S. Benjamin) ने रिपोर्ट में कहा।

अमेरिका स्थित सेंटर फ़ॉर इंटरनेशनल प्राइवेट एंटरप्राइज़ (CIPE) की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया में चीन के निवेश ने कभी-कभी स्थानीय खनिकों के लिए न्यूनतम मुनाफ़ा कमाया है जो निष्कर्षण के कारण होने वाले पर्यावरणीय नुक़सान का प्रबंधन करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। इंडोनेशिया के भ्रष्टाचार उन्मूलन आयोग ने भी चेतावनी दी कि चीनी निवेशक एक ऐसा परिदृश्य बनाते हैं जिसमें पर्यावरण नियमों में ढील देने के लिए अधिकारियों को रिश्वत दी जा सकती है। CIPE की रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया में कहीं और, PRC से निवेश को भ्रष्टाचार, अवैध श्रमिकों को आयात करने, नियमों को कमज़ोर करने और करों की चोरी से जोड़ा गया है।

अफ़्रीका का खनन क्षेत्र बड़े पैमाने पर चीनी कंपनियों द्वारा नियंत्रित है, जो श्रमिकों के साथ दुर्व्यवहार और असुरक्षित प्रथाओं के लिए आलोचना का शिकार रही हैं। ब्लूमबर्ग समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, DRC में राष्ट्रपति फ़ेलिक्स त्शीसेकेडी (Felix Tshisekedi) ने 2008 में चीन के साथ उनके देश द्वारा किए गए आधारभूत संरचनाओं के खनिज सौदे की आलोचना करते हुए कहा कि चीन ने वादा किए गए 620 करोड़ ($6.2 बिलियन) अमेरिकी डॉलर जारी किए बिना अफ़्रीकी खनिजों से लाभ कमाया। “मैं कहूँगा कि हमारी आबादी के लिए कुछ भी ठोस, कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं है,” त्शीसेकेडी ने जनवरी 2023 में कहा।

पूरे लैटिन अमेरिका में, चीनी खनन कंपनियों पर श्रमिकों और आसपास के समुदायों के लिए बुनियादी दायित्वों की अनदेखी करने का आरोप लगाया गया है। इंटरनेशनल फ़ेडरेशन फ़ॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, दुरुपयोग में आवश्यक पर्यावरणीय अध्ययनों को साझा करने से इनकार करने और पारिस्थितिक तंत्र को नुक़सान पहुँचाने से लेकर स्वदेशी परिवारों के अवैध निष्कासन तक शामिल हैं।

बदलाव के लिए साझेदारी 

आर्थिक विकास, ऊर्जा और पर्यावरण के लिए अमेरिकी अवर सचिव जोस फ़र्नांडीज़ (Jose Fernandez) ने जनवरी 2023 में पोलिटिको समाचार आउटलेट को बताया कि खनिज सुरक्षा साझेदारी ने समर्थन के लिए 16 खनन, रीसाइक्लिंग और रिफ़ाइनिंग परियोजनाओं की पहचान की है, जिसमें पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में किए गए प्रयास शामिल हैं। उन्होंने कहा कि साझेदारी से समर्थन सुरक्षित करने के लिए निष्कर्षण और शोधन परियोजनाओं को कई पर्यावरणीय नियमों का पालन करना होगा। फ़र्नांडीज़ ने कहा कि प्रतिष्ठित खनन कंपनियाँ पर्यावरणीय प्रबंधन को एक आवश्यकता के रूप में देखती हैं। “वे उन परियोजनाओं में निवेश नहीं करेंगे जो बहुमूल्य वर्षावनों को नष्ट करते हैं, जो खदान स्थलों के सुधार के लिए प्रतिबद्ध नहीं हैं या जिनके लिए सरकारी अधिकारियों को भुगतान की आवश्यकता होती है,” उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका के केप टाउन में आयोजित 2023 इन्वेस्टिंग इन अफ़्रीकन माइनिंग इंडाबा सम्मेलन के दौरान कहा।  “वे ऐसा नहीं करेंगे। उनके शेयरधारक इसकी अनुमति नहीं देंगे, उनके ग्राहक उन्हें अस्वीकार कर देंगे और हमारे क़ानून ऐसे आचरण को दंडित करेंगे।” 

क्लिंगर का कहना है कि विशेष रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में, उद्योग जगत के नेता पर्यावरण नियमों का पालन करने पर अड़े हुए हैं। वह चेतावनी देती हैं कि उन नियमों को विशिष्ट प्रकार के खनिज के निष्कर्षण, भंडारण और प्रसंस्करण के अनुरूप बनाने की आवश्यकता है। “चूँकि हम इन उद्योगों को जल्द से जल्द खड़ा करने के लिए काम कर रहे हैं, इसलिए इसमें काफ़ी सटीकता और परिष्कार की गुंजाइश है,” यह कहते हुए उन्होंने आगे बात बढ़ाई कि निरंतर सरकारी समर्थन से यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि खनन कंपनियाँ लगातार काम करें। “हम प्रभावी रूप से माँग कर रहे हैं कि इसे स्वच्छ और हरा-भरा होना चाहिए, लेकिन दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि आपको कठिन अर्थव्यवस्था में जीवित रहना होगा।” 

क्लिंगर इस बात पर भी ज़ोर देती हैं कि अब महत्वपूर्ण खनिजों की दौड़ में रीसाइक्लिंग पर ध्यान केंद्रित करने का समय आ गया है, भले ही वर्तमान में प्रयुक्त EV बैटरी जैसे सीमित अपशिष्ट हैं। “क्या होगा अगर, अब से 20 या 30 साल बाद भी हमने आधारभूत संरचनाओं में निवेश नहीं किया?” उन्होंने पूछा। “हमें खनन सुविधाओं के समानांतर अपने रीसाइक्लिंग के बुनियादी ढाँचे का निर्माण करने की आवश्यकता है।” 

फ़र्नांडीज़ के अनुसार, MSP ने जिन परियोजनाओं को समर्थन देने पर सहमति व्यक्त की है, उनमें रीसाइक्लिंग के अवसरों का विस्तार करना भी शामिल है, जिन्होंने आवश्यक खनिजों के संभावित स्रोत के रूप में इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप और अन्य अपशिष्ट की ओर इशारा किया। उदाहरण के लिए, 2040 तक, EV बैटरी खनिजों का 10% पुनर्नवीकरण तांबा, लिथियम, निकल और कोबाल्ट से आ सकता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले EV वैश्विक बाज़ार का आधा हिस्सा बनने की राह पर है, यह मात्रा महत्वपूर्ण हो सकती है।

जोखिम भरी आपूर्ति शृंखलाएँ 

पेरिस स्थित अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) के अनुसार, चीन ग्रेफ़ाइट और REEs के आधे से अधिक उत्पादन को नियंत्रित करता है। यह अन्यत्र खनन किए गए कच्चे माल का प्रमुख आयातक भी है और इसने विदेशी खनन में भारी निवेश किया है, जैसे DRC से कोबाल्ट, इंडोनेशिया से निकल, और अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, चिली और अन्य देशों से लिथियम। इसके बाद, बीजिंग निकल, तांबा, लिथियम और कोबाल्ट जैसे खनिजों के प्रसंस्करण पर हावी हो गया, और वह दुनिया के 75% सौर पैनलों तथा EV बैटरियों का निर्माण या संयोजन करता है। (देखें “PRC द्वारा महत्वपूर्ण खनिजों के प्रसंस्करण बाज़ार का बड़े पैमाने पर नियंत्रण,”पृष्ठ 19।) IEA ने अपने 2022 वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक में कहा, “आपूर्ति शृंखला में व्यवधान और अस्थिर क़ीमतों का जोखिम इस तथ्य से बढ़ गया है कि स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी की आपूर्ति शृंखलाएँ अत्यधिक केंद्रित हैं।”

जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रतिबद्ध राष्ट्र आपूर्ति शृंखलाओं को सुरक्षित करके कमज़ोरियों पर प्रतिक्रिया कर रहे हैं। रॉयटर्स समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े महत्वपूर्ण खनिज आपूर्तिकर्ताओं में से एक, ऑस्ट्रेलिया ने 2023 की शुरुआत में भारत के साथ अपने खनिज व्यापार का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की और जापान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण खनिज सौदों पर हस्ताक्षर किए। जापान और अमेरिका ने मार्च 2023 में खनिज व्यापार को बढ़ावा देने, जानकारी साझा करने और कच्चे माल की सोर्सिंग के लिए कुशल दृष्टिकोण का समर्थन करने पर सहमति व्यक्त की। अमेरिका स्थित REE निर्माता, MP मेटीरियल्स भी जापानी चुंबक निर्माता को प्रमुख सामग्रियों की आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसे फ़िलीपींस और वियतनाम में परिष्कृत किया जाएगा।

चीन के भीतरी मंगोलिया क्षेत्र में बाओटौ के बाहरी इलाक़े में खनिज अयस्क के चूर्ण को बाँध तक ले जाने वाली पाइपलाइन के नीचे से खनन अपशिष्ट निकालता एक कर्मचारी। रॉयटर्स

खनिज का शक्ति-प्रदर्शन 

क्लिंगर का कहना है कि खनिजों में चीन का निवेश, विशेष रूप से REEs में, लगभग 1949 में उसकी स्थापना के समय से है और यह आत्मनिर्भरता के लक्ष्य में निहित था। विश्लेषकों के अनुसार, दुर्लभ-मृदा और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों पर बीजिंग की राष्ट्रीय रणनीति हाल के दशकों में मज़बूत हुई है। इसमें कम श्रम लागत, पर्यावरणीय प्रभावों को बनाए रखने की इच्छा और उदार सरकारी सब्सिडी शामिल थी। 2018 में, अमेरिकी रक्षा विभाग (DOD) ने लिखा था कि चीन ने “रणनीतिक रूप से वैश्विक बाज़ार को रियायती क़ीमतों पर दुर्लभ मृदा से भर दिया है, प्रतिस्पर्धियों को बाहर कर दिया है और नए बाज़ार में प्रवेश करने वालों को रोक दिया है।” 

रिपोर्ट में 2010 के एक विवाद की ओर भी इशारा किया गया है जिसमें तोक्यो द्वारा उस चीनी ट्रॉलर कैप्टन को हिरासत में लेने के बाद बीजिंग ने जापान को REE निर्यात रोक दिया था, जिसकी नाव पूर्वी चीन सागर में जापान द्वारा नियंत्रित सेनकाकू द्वीपों के पास मछली पकड़ने की कोशिश करते समय जापान तटरक्षक जहाज़ों से टकरा गई थी। रक्षा विभाग ने बताया, “जब चीन को दुर्लभ-मृदा पर प्रतिबंध लगाकर अपनी मृदु शक्ति को बढ़ाने की ज़रूरत होती है, तो वह संकोच नहीं करता है।” 

हाल ही में, बीजिंग ने अमेरिका को REE निर्यात में कटौती करने की बारंबार धमकी दी है। बीजिंग के सरकार द्वारा संचालित पीपल्स डेली अख़बार ने 2019 में रिपोर्ट दी थी कि देश “दुर्लभ-मृदा कार्ड” खेल सकता है। एक साल बाद, चीन ने अमेरिकी-ताइवानी रक्षा सौदे का जवाब इस चेतावनी के साथ दिया कि वह रक्षा निर्माताओं को REE की आपूर्ति रोक सकता है। जुलाई 2023 में, चीन ने कहा कि वह कंप्यूटर चिप्स और सौर पैनलों सहित उत्पादों में प्रयुक्त दो दुर्लभ धातु, गैलियम और जर्मेनियम पर अंतरराष्ट्रीय निर्यात को प्रतिबंधित करेगा। दोनों को महत्वपूर्ण खनिज माना जाता है।

इसे सुधारने का एक मौक़ा

आर्थिक मामलों के अमेरिकी काउंसलर माइकल सलीवान (Michael Sullivan) ने मार्च 2023 में ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में आयोजित बैटरी खनिज सम्मेलन में कहा कि मज़बूत खनन उद्योगों और ऑस्ट्रेलिया जैसे नैतिक निष्कर्षण के प्रति प्रतिबद्धता वाले देश, उन घटकों के लिए पसंदीदा आपूर्तिकर्ता बनने की स्थिति में हैं जो स्वच्छ ऊर्जा वाले भविष्य का निर्माण करेंगे। “संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सभी प्रौद्योगिकी का विकास, संसाधन और निर्माण नहीं कर सकता है। न ही कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, जापान, चीन या कोई अन्य देश ऐसा कर सकता है,” माइनिंग वीकली पत्रिका के अनुसार सलीवान ने कहा। 

ऑस्ट्रेलिया दुनिया के लगभग आधे लिथियम की आपूर्ति करता है और कोबाल्ट का शीर्ष उत्पादक है। यह देश दुर्लभ-मृदा, तांबा, ग्रेफ़ाइट और स्वच्छ ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण अन्य खनिजों का महत्वपूर्ण उत्पादक है। इसने कंपनियों को मूल निवासियों और अन्य समुदायों के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के साथ-साथ पर्यावरणीय प्रबंधन को संचालित करने और आगे बढ़ाने में मदद के लिए “संवहनीय खनन की दिशा में” ढाँचे को भी अपनाया है। 

मूल निवासियों के कुछ समुदायों की सुरक्षा के मामले में खनन सहमति की आवश्यकता शामिल है। ऑस्ट्रेलिया का आर्थिक सहयोग और विकास संगठन खनन परियोजनाओं के पूरे जीवन काल में सामुदायिक भागीदारी की सिफ़ारिश करता है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में, संसाधन अनुबंधों का सार्वजनिक किया जाना आवश्यक है, और कई सरकारें बंद खदानों के पुनर्वास की अपेक्षा करती है जब तक कि वे “सुरक्षित, स्थिर, प्रदूषण रहित न हों और संवहनीय नई भूमि उपयोग की अनुमति न दें।” विश्लेषकों का कहना है कि ऐसे पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासन (ESG) मानक निवेश की रक्षा करते हैं क्योंकि वैश्विक उपभोक्ता पारदर्शिता और पर्यावरणीय प्रबंधन की माँग करते हैं। क़ानून का मज़बूत शासन विकसित करना और पर्यावरणीय मुद्दों व निष्पक्ष प्रशासन के अन्य पहलुओं के साथ-साथ स्वदेशी अधिकारों के सम्मान का खनन दृष्टिकोण, उन कंपनियों के लिए लाभकारी है जो प्रयास करते हैं, विल्सन सेंटर के फ़ेलो बर्क ने कहा। “जब आप कुछ ग़लत करते हैं तो हमेशा उसकी क़ीमत चुकानी पड़ती है, और संयुक्त राज्य अमेरिका के पास अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ इसे सुधारने का अवसर है। और मुझे लगता है कि रणनीतिक प्रतिस्पर्धा में यह हमारे लिए वाक़ई सुदृढ़ लाभ बन जाता है” उन्होंने सेंटर के “रिपोर्ट ऑन क्रिटिकल मिनरल्स” वेबकास्ट में कहा।

अमेरिकी विदेश विभाग के फर्नांडीज़ ने कहा है कि MSP समर्थन के लिए, जिसमें सदस्य निर्यात क्रेडिट एजेंसियों, विकास संस्थानों और निजी क्षेत्र से गारंटी या वित्तपोषण शामिल हो सकता है, परियोजनाओं को ESG सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता होगी। “ज़िम्मेदार खनन पर हमारे काम के ज़रिए, MSP भागीदार अस्थिर विकास से दूर एक ऐसे ढाँचे की ओर जाना चाहते हैं जो पारदर्शिता, सामुदायिक कल्याण और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देता है,” उन्होंने केप टाउन में कहा। उनके अनुसार, MSP में भागीदार इस विश्वास पर दाँव लगा रहे हैं कि महत्वपूर्ण खनिज उद्योग में नैतिक सिद्धांत राष्ट्रों, उनकी आबादी और भूमंडल के लिए परिणामों में सुधार कर सकते हैं।  


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