चीन की मौजूदगी के विस्तार के चलते हिंद महासागरीय देशों द्वारा नियम-आधारित व्यवस्था को बढ़ावा

मनदीप सिंह
अक्तूबर 2023 के अंत में चौथे द्विवार्षिक गोवा मेरीटाइम कॉन्क्लेव में रक्षा और सुरक्षा अधिकारियों का प्रमुख लक्ष्य हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में साझा सुरक्षा चिंताओं को कम करने के लिए बहुराष्ट्रीय, सहयोगी ढाँचों का निर्माण करना था।
देश के दक्षिण-पश्चिमी राज्य गोवा में भारत के नेवल वॉर कॉलेज द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम में बांग्लादेश, कोमोरोस, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, मलेशिया, मालदीव, मॉरीशस, म्यांमार, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड के प्रतिभागी शामिल थे। यह उत्तरोत्तर मुखर पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (PRC) पर बढ़ती चिंताओं की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया था, जिसने IOR में अपनी उपस्थिति बढ़ाई है।
“एक स्वतंत्र, खुली और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था हम सभी की प्राथमिकता है,” भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने अपने मुख्य भाषण में कहा। “ऐसी समुद्री व्यवस्था में ‘ताक़तवर ही सही है’ का कोई स्थान नहीं है।”
सिंह ने क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि को बनाए रखने के लिए क़ानून के शासन तथा “मुठभेड़ के वैध समुद्री नियमों” के प्रति सहयोगात्मक प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, “सहयोग को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी देश दूसरों पर वर्चस्ववादी तरीक़े से हावी न हो, संवाद के निष्पक्ष नियम महत्वपूर्ण हैं।”
IOR में बीजिंग का मूल लक्ष्य अन्य देशों, विशेष रूप से भारत का सामना करना है, ताकि तटीय देशों के साथ नई व्यवस्था बनाई जा सके और चीन को प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित किया जा सके, भारत सरकार की संयुक्त आसूचना समिति के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस.डी. प्रधान (S.D. Pradhan) ने अक्तूबर 2023 में टाइम्स ऑफ़ इंडिया अख़बार में लिखा था।
समागम के अपने संबोधन में, भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार (Hari Kumar) ने IOR देशों के बीच सहयोग को गहरा करने के लिए चार सिद्धांतों का प्रस्ताव रखा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुद्री क़ानून के अनुपालन के लिए तंत्र स्थापित करना, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए प्रोटोकॉल विकसित करना तथा उत्कृष्टता के क्षेत्रीय केंद्र खोलना शामिल हैं।
कुमार ने कहा, ये केंद्र समुद्री सुरक्षा सूचना के केंद्र होंगे और भारत के गुरुग्राम में सूचना संलयन केंद्र-हिंद महासागर क्षेत्र को प्रतिबिंबित कर सकते हैं। 2018 में स्थापित, यह केंद्र समुद्री आतंकवाद, समुद्री डकैती और सशस्त्र डकैती, मानव और प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी, तथा अवैध, असूचित और अनियमित (IUU) मछली पकड़ने जैसी चुनौतियों पर सहयोग व विशेषज्ञता विकास को सुगम करता है।
सिंह ने कहा कि IUU मछली पकड़ने से खाद्य सुरक्षा और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को ख़तरा है: “निगरानी संबंधी डेटा संकलन और साझाकरण के लिए बहुराष्ट्रीय सहयोगात्मक प्रयास, वक़्त की ज़रूरत है।”
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के नेशनल सेक्युरिटी कॉलेज के अनुसार, IOR में बड़े चीनी ट्रॉलरों की बढ़ती उपस्थिति के साथ, चीन-ध्वजांकित जहाज़ IUU मछली पकड़ने में दुनिया के अग्रणी अपराधी हैं।
मॉरीशस के पुलिस आयुक्त अनिल कुमार सिंह दीप (Anil Kumarsing Dip), ने IOR समुद्री मार्गों के ज़रिए अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में हालिया वृद्धि को एक और समुद्री ख़तरे के रूप में चिह्नित किया। उन्होंने गोवा कार्यक्रम में कहा, “भारी लाभ मार्जिन के साथ, मादक पदार्थों की तस्करी, क्षेत्र में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों और विद्रोह को बढ़ावा देने के लिए धन जुटाने का अब तक का सर्वाधिक आकर्षक साधन है।”
सिंह ने समागम और बहु-क्षेत्रीय तकनीकी व आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (BIMSTEC) जैसे मंचों की पहचान विश्वास और सहयोग बनाने तथा जोखिमों को कम करने के रास्ते के रूप में की। उन्होंने 2018 और 2021 में समूह के सदस्यों — बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड — द्वारा आयोजित BIMSTEC रक्षा अभ्यासों का भी संदर्भ दिया।
सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक सहयोगी ढाँचे की भी आवश्यकता है, जिसमें IOR देशों को कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने, संवहनीय प्रथाओं की ओर जाने और प्रौद्योगिकी व पूँजी हस्तांतरण के माध्यम से हरित अर्थव्यवस्था में निवेश करने में सहयोग करना शामिल हो सकता है।
मनदीप सिंह (Mandeep Singh) नई दिल्ली, भारत से रिपोर्ट करने वाले फ़ोरम योगदानकर्ता हैं।
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