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अमेरिका ने श्रीलंका बंदरगाह विस्तार के लिए 55.3 करोड़ ($553 मिलियन) अमेरिकी डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई

फ़ोरम स्टाफ़

यूनाइटेड स्टेट्स इंटरनेशनल डेवलपमेंट फ़ाइनेन्स कार्पोरेशन (DFC) ने श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह में गहरे पानी के शिपिंग कंटेनर टर्मिनल के विकास के लिए 50 करोड़ ($500 मिलियन) अमेरिकी डॉलर से अधिक की प्रतिबद्धता जताई है, नवंबर 2023 में एजेंसी ने घोषणा की।

55.3 करोड़ ($553 मिलियन) अमेरिकी डॉलर का पैकेज कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड को वेस्ट कंटेनर टर्मिनल के लिए वित्तपोषण प्रदान करता है। परियोजना के भागीदारों में श्रीलंका स्थित समूह जॉन कील्स होल्डिंग्स, भारत स्थित अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड और श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी भी शामिल हैं। श्रीलंका के पश्चिमी तट पर कोलंबो बंदरगाह, हिंद महासागर में सबसे बड़ा और सबसे व्यस्त ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह है। इसने 2021 से 90% प्रतिशत से अधिक क्षमता पर, प्रति वर्ष लगभग 270 लाख (27 मिलियन) मीट्रिक टन कार्गो संचालित किया है।

“DFC निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए काम करता है जो हमारे भागीदारों की रणनीतिक स्थिति को मज़बूत करते हुए विकास तथा आर्थिक उन्नति को आगे बढ़ाता है। हम कोलंबो बंदरगाह में इस आधारभूत संरचना के निवेश के साथ यही प्रदान कर रहे हैं,” एजेंसी के CEO स्कॉट नाथन ने एक समाचार विज्ञप्ति में कहा। “श्रीलंका दुनिया के प्रमुख पारगमन केंद्रों में से एक है, जहाँ सभी कंटेनर जहाज़ों में से आधे इसके जल क्षेत्र से होकर गुज़रते हैं। वेस्ट कंटेनर टर्मिनल के लिए निजी क्षेत्र के ऋण में DFC की 55.3 करोड़ ($553 मिलियन) अमेरिकी डॉलर की प्रतिबद्धता उसकी शिपिंग क्षमता का विस्तार करेगी, जिससे श्रीलंका के लिए — संप्रभु ऋण में वृद्धि किए बिना — अधिक समृद्धि पैदा होगी, जबकि इसी के साथ पूरे क्षेत्र में हमारे सहयोगियों की स्थिति मज़बूत होगी।

श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत जूली चुंग (Julie Chung) ने कहा कि यह परियोजना श्रीलंका में निजी क्षेत्र के नेतृत्व से संचालित विकास को सुगम करेगी और देश के आर्थिक सुधार के दौरान महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा को आकर्षित करेगी।

“यह वित्तपोषण श्रीलंका के लोगों के विकास और कल्याण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है। श्रीलंका की अपनी आर्थिक स्थिति फिर से मज़बूत होने से स्वतंत्र और समृद्ध इंडो-पैसिफ़िक के प्रति हमारा साझा दृष्टिकोण आगे बढ़ेगा,” चुंग ने एक बयान में कहा।

टर्मिनल के लिए तलकर्षण नवंबर 2022 में शुरू हुआ, जिसका पहला चरण 2024 की तीसरी तिमाही में पूरा होगा, रॉयटर्स ने सूचित किया। यह परियोजना 2025 के अंत तक संपन्न होने की उम्मीद है।

पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (PRC) की सरकारी कंपनी चाइना मर्चेंट्स पोर्ट होल्डिंग्स भी कोलंबो बंदरगाह पर एक टर्मिनल संचालित करती है। उस परियोजना और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव शी जिनपिंग (Xi Jinping) की वन बेल्ट, वन रोड (OBOR) आधारभूत संरचना योजना के तहत वित्तपोषित अन्य परियोजनाओं में बड़े ऋण शामिल थे, जिन्हें चुकाने के लिए श्रीलंका और अन्य देशों को संघर्ष करना पड़ा। 2017 में, श्रीलंका ने देश के दक्षिणी तट पर स्थित हंबनटोटा बंदरगाह को 99 साल की लीज़ के तहत चीन को सौंप दिया। उस सौदे से श्रीलंका का लगभग 1 अरब डॉलर का कर्ज़ ख़त्म हो गया, लेकिन क्षेत्रीय चिंताएँ बढ़ गईं कि इससे बंदरगाह पर चीनी सैन्य अड्डा बन सकता है।

यू.एस. स्थित कॉलेज ऑफ़ विलियम एंड मेरी के शोध संस्थान AidData की नवंबर 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील देशों द्वारा बीजिंग पर बकाया ऋण 130 हज़ार करोड़ ($1.3 ट्रिलियन) अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जिनमें ज़्यादातर 2013 से शुरू होने वाली OBOR परियोजनाओं के परिणामस्वरूप हैं। वित्तीय संकट में विकासशील देशों को बीजिंग के ऋण का हिस्सा 2021 में 75% था। AidData के रिपोर्ट के अनुसार, ये ऋण कम से कम 57 देशों पर बक़ाया थे।


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