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दोहरे उपयोग वाले बंदरगाहों से चीन को मिली महत्वपूर्ण शिपिंग लेन की नज़दीकी

फ़ोरम स्टाफ़

पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (PRC) दुनिया भर में बंदरगाहों का वाणिज्यिक और सैन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग करने के इरादे से उनका निर्माण और अधिग्रहण कर रहा है। दोहरे उपयोग वाले बंदरगाह महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों और तटवर्ती रास्तों से देश के प्रभाव को बढ़ाते हैं।

कार्नेगी एंडोमेंट फ़ॉर इंटरनेशनल पीस में चाइना स्टडीज़ के सीनियर फ़ेलो आइज़ैक कार्डन (Isaac Kardon) ने 2021 में युनाइटेड स्टेट्स नेवल वॉर कॉलेज रिव्यू में लिखा कि इन विदेशी बंदरगाहों की सर्वाधिक सघनता, पश्चिमी हिंद महासागर और समुद्र तटीय दक्षिण व दक्षिण पूर्वी एशिया में संचार के प्रमुख समुद्री लाइनों (SLOCs) तथा महत्वपूर्ण शिपिंग चोकप्वाइंट के पास है। उन्होंने एक चीनी सैन्य शिक्षाविद् का हवाला दिया, जिन्होंने ताइवान जलडमरूमध्य से दक्षिणी चीन सागर, मलक्का जलडमरूमध्य, हिंद महासागर और अरब सागर तक फैली “समुद्री जीवन-रेखा” का वर्णन किया था।

इंडियाना यूनिवर्सिटी के कार्डन (Kardon) और वेंडी ल्यूटर्ट (Wendy Leutert) के शोध के अनुसार, चीन की व्यावसायिक, राजनीतिक तथा सैन्य स्थिति उसे दुनिया भर में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों में स्थित लगभग 100 वाणिज्यिक बंदरगाहों तक पहुँच स्थापित करने में मदद करती है। PRC-नियंत्रित लॉजिस्टिक्स और शिपिंग कंपनियों द्वारा बंदरगाहों में निवेश, देश की वन बेल्ट, वन रोड इन्फ़्रास्ट्रक्चर योजना से जुड़ा हुआ है जिसका उद्देश्य दुनिया के अधिकांश हिस्से को चीन से जोड़ना है। न्यूज़वीक पत्रिका ने अक्तूबर 2022 में रिपोर्ट दी थी कि पिछले दशक में बंदरगाह से जुड़े आधे से अधिक सौदे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के महासचिव शी जिनपिंग (Xi Jinping) के अधीन किए गए।

PRC द्वारा विदेशी बंदरगाहों पर प्रभुत्व हासिल करने का प्रयास समुद्री शक्ति बनने की उसकी इच्छा से मेल खाता है। PRC के 2015 श्वेत पत्र में कहा गया: “ज़मीन समुद्र से अधिक महत्वपूर्ण है, इस पारंपरिक मानसिकता को त्याग देना चाहिए, और समुद्र व महासागरों के प्रबंधन तथा समुद्री अधिकारों एवं हितों की रक्षा को ज़्यादा महत्व दिया जाना चाहिए।”

समुद्री मार्गों और तटवर्ती रास्तों पर नियंत्रण वाणिज्यिक और सुरक्षा उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से इंडो-पैसिफ़िक में, जहाँ से दुनिया का अधिकांश नौवहन गुज़रता है। अमेरिका और उसके सहयोगी व भागीदार सुरक्षित समुद्री मार्गों के ज़रिए आर्थिक समृद्धि का आश्वासन देते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि महत्वपूर्ण बंदरगाहों पर चीन की उपस्थिति और भारी निवेश एक ख़तरा है क्योंकि इन सुविधा-केंद्रों का उपयोग करने वाले जहाज़ों के सैन्य तथा वाणिज्यिक उद्देश्य हो सकते हैं। सेंटर फ़ॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज़ के तत्कालीन निदेशक जोनाथन हिलमैन (Jonathan Hillman) ने जुलाई 2018 में द गार्डियन अख़बार को बताया, “अगर यह सामान ले जा सकता है, तो यह सैनिकों को भी ले जा सकता है।”

कुछ पर्यवेक्षकों को डर है कि व्यापक निवेश ख़तरनाक शक्ति प्रदर्शन हैं, जिसमें जासूसी, आर्थिक दबाव से लेकर सैन्य विस्तार तक के सुरक्षा जोखिम शामिल हैं। न्यूज़वीक की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी नौसेना के जहाज़ों ने लगभग एक तिहाई विदेशी बंदरगाहों का दौरा किया है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल अख़बार ने नवंबर 2022 में रिपोर्ट की थी कि चीनी नौसेना की इन बंदरगाहों तक पहुँच विदेशी बेड़ों की पुनःपूर्ति को कम ख़र्चीली और अधिक कुशल बनाती है।

अन्य राष्ट्रों के व्यवहार को प्रभावित करने के लिए भी बीजिंग द्वारा व्यापार और बंदरगाह निवेश का उपयोग करने की संभावना है। न्यूज़वीक की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पहले ऑस्ट्रेलिया, जापान, लिथुआनिया, नॉर्वे और ताइवान का कथित मामूली बातों के लिए व्यापार संबंधी अघोषित बहिष्कार किया था। जुलाई 2023 में वर्जीनिया में विलियम एंड मेरी यूनिवर्सिटी की शोध प्रयोगशाला, AidData ने बताया कि विदेशी बंदरगाहों में चीनी निवेश का पैमाना PRC को मेज़बान देशों पर बढ़त दिला सकता है।

AidData ने मुख्य भूमि चीन के बाहर आठ बंदरगाहों की पहचान की है जहाँ PRC अगले पाँच वर्षों के भीतर नौसैनिक अड्डे स्थापित कर सकता है:

  • बाटा, इक्वेटोरियल गिनी: पश्चिम अफ़्रीका के अटलांटिक तट पर PRC द्वारा भारी वित्त पोषण।
  • ग्वादर, पाकिस्तान: रणनीतिक रूप से अरब सागर में स्थित।
  • हंबनटोटा, श्रीलंका: हिंद महासागर में स्थित, यह PRC का सबसे बड़ा विदेशी बंदरगाह निवेश है।
  • क्रिबी, कैमरून: पश्चिम अफ़्रीकी बंदरगाह को महत्वपूर्ण चीनी वित्तपोषण प्राप्त हुआ है।
  • नकाला, मोज़ाम्बिक: अफ़्रीका के पूर्वी तट पर गहरे जल का बंदरगाह।
  • नौआकशॉट, मॉरिटानिया: उत्तर पश्चिमी अफ़्रीका का बंदरगाह जो यूरोप और प्रमुख चोकप्वाइंट के नज़दीक है।
  • रीम, कंबोडिया: कंबोडिया के अभिजात वर्ग और CCP के बीच घनिष्ठ संबंधों से चीनी सैन्य उपस्थिति की संभावना बढ़ जाती है।
  • वानुअतु: प्रशांत द्वीपसमूह में संभावित चीनी सैन्य अड्डा।

AidData ने बंदरगाह की आधारभूत संरचना के लिए PRC के वित्तपोषण के पैमाने, बंदरगाहों के सामरिक मूल्य और अवस्थिति, मेज़बान देश के नेताओं के साथ संबंध, संयुक्त राष्ट्र महासभा के वोटों में PRC के साथ संरेखण तथा नौसेना बेड़े के लिए उपयुक्त बंदरगाह की विशेषताओं पर विचार किया। चार बंदरगाह इंडो-पैसिफ़िक में हैं।

हाल ही में सिहानोकविले के निकट कंबोडिया के रीम नौसैनिक अड्डे के निर्माण ने दिलचस्पी जगाई है। सालों इनकार करने के बाद, कंबोडियाई अधिकारियों ने इस काम में PRC की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया। जून 2023 में ली गईं सैटेलाइट तस्वीरें चीनी वित्त पोषित निर्माण गतिविधियों को दिखाती हैं, जैसा कि लंदन स्थित चैथम हाउस थिंक टैंक ने जुलाई के अंत में रिपोर्ट किया था। सुविधाओं में पूर्वी अफ़्रीका के जिबूती में PRC के एकमात्र विदेशी नौसैनिक अड्डे जैसा एक नया घाट भी शामिल है। “रीम में औसत लॉजिस्टिक हब भी चीनी युद्धपोतों को अधिक रेंज और थाईलैंड की खाड़ी तथा दक्षिण पूर्व एशिया के जल में स्थायी मौजूदगी प्रदान करेगा,” चैथम हाउस की रिपोर्ट में कहा गया।

भारत और अमेरिका ने अगस्त 2022 में विरोध किया था जब चीनी जहाज़ युआन वांग 5, जिसे जासूसी जहाज़ बताया गया था, श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर खड़ा हुआ, जिसे चीनी ऋण से निर्मित किया गया है और श्रीलंका द्वारा ऋण भुगतान में चूक होने पर, PRC के स्वामित्व वाली कंपनी ने 99-वर्ष के पट्टे पर क़ब्ज़ा कर लिया था। ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पॉलिसी इन्स्टिटूयूट की रिपोर्ट के अनुसार, कोलंबो ने युआन वांग 5 को बंदरगाह पर लंगर डालने की अनुमति दी, लेकिन उसे आसूचना संग्रहण उपकरण बंद करने का आदेश दिया।


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