इंडो-पैसिफ़िक की बदलती सुरक्षा गतिशीलता के बीच जापान की ओर उन्मुख रक्षा कंपनियाँ

मार्क जैकब प्रॉसेर(Marc Jacob Prosser)
जिस समय जापान इंडो-पैसिफ़िक में बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए रक्षा व्यय बढ़ा रहा है, रक्षा संबंधी वैश्विक ठेकेदार अपने परिचालन और फ़ोकस को जापान की ओर स्थानांतरित कर रहे हैं।
जापान की निक्केई एशिया पत्रिका के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम स्थित BAE सिस्टम्स 2023 के अंत तक अपने पर्यवेक्षी कार्यों को मलेशिया से जापान में स्थानांतरित कर देगा। कंपनी, जिसने हाल ही में जापान में एक सहायक कंपनी की स्थापना की है, ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम (GCAP) में केंद्रीय भूमिका निभाएगी, जो इटली, जापान और यू.के. द्वारा फ़ाइटर जेट विकसित करने की त्रिपक्षीय पहल है। इस क़दम के संबंध में BAE सिस्टम्स, जापान की मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज़ सहित अन्य कंपनियों के साथ अपनी साझेदारी को मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन अपने महत्वपूर्ण एशियाई केंद्र को सिंगापुर से जापान में स्थानांतरित कर रही है। निक्केई एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका स्थित L3Harris टेक्नॉलजीस, फ़्रांस की थेल्स और तुर्की की STM सहित अन्य कंपनियाँ भी जापान में दिलचस्पी बढ़ा रही हैं।
एशिया पैसिफ़िक इनिशिएटिव एंड इंस्टीट्यूट ऑफ़ जियोइकॉनॉमिक्स, इंटरनेशनल हाउस ऑफ़ जापान के सीनियर रिसर्च फ़ेलो हिरोहितो ओगी (Hirohito Ogi) ने फ़ोरम को बताया, “जापान सिर्फ़ एक ग्राहक ही नहीं, बल्कि रक्षा का महत्वपूर्ण सहयोगी और इंडो-पैसिफ़िक सुरक्षा चुनौतियों का केंद्र भी है।”
जापान ग्राउंड सेल्फ़-डिफ़ेंस फ़ोर्स के सेवानिवृत्त मेजर जनरल और निहॉन यूनिवर्सिटी में जोखिम प्रबंधन के प्रोफ़ेसर नोज़ोमु योशिटोमी (Nozomu Yoshitomi) के अनुसार, क्षेत्रीय सुरक्षा ढाँचे में जापान की रणनीतिक स्थिति उसे वैश्विक रक्षा निगमों के लिए चुम्बक का काम करने में मदद करती है। इन फ़ायदों में जापान की राजनीतिक स्थिरता, मज़बूत रक्षा प्रौद्योगिकी नींव और महत्वपूर्ण रक्षा बजट शामिल हैं।
“इंडो-पैसिफ़िक की शांति और स्थिरता की गतिशीलता में जापान की बढ़ती भूमिका स्पष्ट है,” योशितोमी ने फ़ोरम को बताया। “जब वैश्विक रक्षा शक्तियाँ जापान में एकत्रित हो रही हैं, तब राष्ट्र के लिए भी यह अनिवार्य हो जाता है कि वह बहुराष्ट्रीय रक्षा प्रतिबद्धताओं से सशक्त होकर क्षेत्रीय प्रतिरोध केंद्र के रूप में कार्य करें।”
तोक्यो द्वारा तीन महत्वपूर्ण सुरक्षा चिंताओं की पहचान के साथ, बढ़ते तनाव के बीच जापान अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ा रहा है: क्षेत्र में पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना की बढ़ती दृढ़ता; उत्तर कोरिया के अस्थिर करने वाले मिसाइल प्रक्षेपण और सैन्य युद्धाभ्यास; और रूस की कलहप्रियता, जैसा कि यूक्रेन पर उसके अकारण आक्रमण से प्रमाणित होता है।
2023-27 के लिए जापान का रक्षा बजट रिकॉर्ड 29421 करोड़ ($294.21 बिलियन) अमेरिकी डॉलर है और सरकार जापानी रक्षा निर्माताओं को त्रिपक्षीय GCAP के तहत अनेक प्रकार के उपकरण निर्यात करने की अनुमति देने पर भी विचार कर रही है।
रक्षा खर्च में वृद्धि और अधिक निर्यात की संभावना जापान के रक्षा क्षेत्र को बढ़ावा दे सकती है, भले ही रक्षा के वैश्विक दिग्गजों की आमद अधिक प्रतिस्पर्धा लाएगी। घरेलू मध्यम आकार के आपूर्तिकर्ताओं को ऑर्डर बढ़ने की उम्मीद है।
देश भर में 10,000 से अधिक इकाइयों के विशाल रक्षा विनिर्माण परिदृश्य के साथ, टोक्यो का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय रक्षा कंपनियों और पुर्जों व घटकों में विशेषज्ञता वाले छोटे से लेकर मध्यम आकार के घरेलू उद्यमों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है।
योशितोमी ने कहा कि विदेशी कंपनियों के आगमन से जापान के रक्षा उद्योग को पुनः परिभाषित किया जा सकता है और इसके लिए सार्वजनिक-निजी-सैन्य भागीदारी को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ तैयार करने की ज़रूरत होगी।
ओगी ने सहयोग की बढ़ती क्षमता पर भी प्रकाश डाला और पुनर्गठन की आवश्यकता पर ज़ोर दिया: “वैश्विक रक्षा उद्योगों की आमद को सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करना चाहिए, जिससे जापान को सिर्फ़ एक द्वितीयक आपूर्तिकर्ता बनने से रोका जा सके।”
मार्क जैकब्स प्रॉसेसर तोक्यो से रिपोर्टिंग करने वाले फ़ोरम संवाददाता हैं।
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