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तुवालु के फ़्यूचर नाउ प्रॉजेक्ट में राष्ट्र का वर्चुअल बैकअप शामिल

फ़ोरम स्टाफ़

तुवालु को दुनिया का पहला डिजिटल राष्ट्र बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। लेकिन अगर दक्षिण प्रशांत गणराज्य को समुद्र तल से ऊपर रखने के प्रयास विफल होते हैं, तो निस्संदेह इसके 11,500 नागरिक चाहेंगे कि उनके द्वीपों का अस्तित्व पूरी तरह मिट जाने के बजाय मेटावर्स में बना रहे।

ऑस्ट्रेलिया और हवाई के बीच स्थित इस राष्ट्र ने नवंबर 2021 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ़ अपने संघर्ष का प्रदर्शन किया। एक वीडियो में, तुवालु के तत्कालीन विदेश मंत्री साइमन कोफ़े (Simon Kofe) एक पोडियम के पीछे बिज़नेस सूट पहने — घुटने तक पानी में खड़े थे और उनके पीछे एक द्वीप था।

अक्तूबर 2021 में संयुक्त राष्ट्र के 26वें कॉन्फ़्रेंस ऑफ़ द पार्टीज़ (COP26) जलवायु परिवर्तन संगोष्ठी में वीडियो के ज़रिए भाषण देते तुवालु के विदेश मंत्री साइमन कोफ़े (Simon Kofe)।

“हम तो डूब रहे हैं, लेकिन बाक़ी सब भी डूब रहे हैं,” कोफ़े (Kofe) ने जलवायु परिवर्तन को कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का आह्वान करते हुए कहा।

संयुक्त राष्ट्र ने 2022 में रिपोर्ट दी थी कि दुनिया के सबसे कम विकसित देशों ने जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन में न्यूनतम योगदान दिया है। फिर भी कई “जलवायु संकट की अग्रिम पंक्ति में हैं।”

तुवालु के कोफ़े (Kofe) का वीडियो लाखों बार देखा गया, जब कि दुनिया का यह चौथा सबसे छोटा देश, अभी शुरुआत ही कर रहा था। नौ प्रवाल द्वीपों के 26 वर्ग किलोमीटर के द्वीपसमूह को ख़तरे में डालने वाले बढ़ते समुद्र जल-स्तर के समाधान के लिए एक अभियान चलाया गया। न्याय, संचार और विदेश मंत्रालय ने फ़्यूचर नाउ प्रॉजेक्ट लॉन्च किया, जो राष्ट्रों को जीवाश्म ईंधन जलाने पर अंकुश लगाने की चुनौती देता है; इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भले ही द्वीप-समूह समुद्र के नीचे खिसक जाएँ, तुवालु अपना राज्य का दर्जा और समुद्री सीमाएँ बरक़रार रखे; तुवालु के शासन, इतिहास, संस्कृति और मूल्यों को प्रतिबिंबित करने वाला एक “डिजीटल राष्ट्र” बने; और समुद्र-स्तर में वृद्धि के खिलाफ़ अंतरराष्ट्रीय पक्ष-समर्थन को प्रोत्साहित किया जाए।

संवर्धित और आभासी वास्तविकता का उपयोग करके पूरे देश के पुनर्निर्माण का विचार अद्वितीय है। उदाहरण के लिए, अन्य देश और शहर — बारबाडोस, सियोल और सिंगापुर — प्रशासनिक सेवाओं को मेटावर्स में डाल रहे हैं। तुवालु न केवल सरकारी कार्यों की प्रतिकृति बनाएगा, बल्कि द्वीपों के इलाक़े, परंपराओं और स्थलों को भी चित्रित करेगा। कोफ़े (Kofe) ने नवंबर 2022 में वीडियो के ज़रिए विश्व नेताओं के सामने इस अवधारणा को पेश किया और कहा कि डिजिटल उपस्थिति भूमि नष्ट होने के बावजूद देश को अपना काम जारी रखने दे सकती है।

इस नमूने में तत्कालीन विदेश मंत्री साइमन कोफ़े (Simon Kofe) को छोटे से तुवालु द्वीप पर सुपरइम्पोज़ किया गया है कि राष्ट्र किस प्रकार मेटावर्स में “डिजिटल जुड़वाँ” बनाएगा। तुवालु ने नवंबर 2022 में संयुक्त राष्ट्र के COP27 सम्मेलन में वीडियो प्रस्तुत किया।

“हमें उम्मीद है कि हमारे पास एक डिजिटल राष्ट्र है जो हमारे भौतिक क्षेत्र के साथ मौजूद है, लेकिन अगर हम अपना भौतिक क्षेत्र खो देते हैं, तो हमारे पास एक डिजिटल राष्ट्र होगा जो अच्छी तरह काम करता रहेगा,” उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।

तुवालु ने छोटे से द्वीप ते अफ़ुआलिकु का “डिजिटल जुड़वाँ” बनाकर शुरुआत की।

नासा की सी-लेवल चेंज टीम ने अगस्त 2023 में रिपोर्ट दी थी कि तुवालु समुद्र तल से लगभग 2 मीटर ऊपर है और आस-पास का महासागर दुनिया भर के औसत से 1.5 गुना तेजी से बढ़ रहा है। अनुमान है कि उच्च ज्वार 2050 तक राष्ट्र की अधिकांश भूमि और महत्वपूर्ण आधारभूत संरचना को कवर कर लेंगे। द गार्डियन अख़बार ने जून 2023 में रिपोर्ट दी थी कि कुछ अनुमानों के अनुसार, 2100 तक उच्च ज्वार से 95% द्वीप जलमग्न हो सकते हैं, जिससे वे तत्त्वतः रहने लायक़ नहीं रह जाएँगे।

पहले ही उच्च ज्वार की वजह से घरों और अन्य इमारतों में बाढ़ का पानी घुस जाता है, तथा खारे पानी का प्रवेश फसलों और कुँओं को नष्ट कर देता है। CNN की रिपोर्ट के अनुसार, गर्म समुद्री जल, प्रवालों को ब्लीच कर देता है और मछली पकड़ने को नुक़सान पहुँचाता है। कुछ नागरिक ऊँचे स्थानों की खोज में न्यूज़ीलैंड और अन्य जगहों पर स्थानांतरित हो गए हैं।

“हम डेटा से पहले ही यह देख सकते हैं कि छोटे पैमाने पर समुद्री परिवर्तनशीलता, तूफ़ान, उच्च ज्वार और समुद्र के स्तर में वृद्धि, सब मिलकर तुवालु में बाढ़ का कारण बन रहे हैं,” सी-लेवल चेंज टीम का नेतृत्व करने वाले बेन हैमलिंगटन (Ben Hamlington) ने रिपोर्ट में कहा।

सरकार ने कहा कि फ़्यूचर नाउ प्रॉजेक्ट “बेहतर कल के लिए, किसी भी परिदृश्य में देश के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आज ही तैयारी करना चाहता है।”

तुवालु ने भूमि सुधार परियोजनाएँ भी शुरू की हैं और वह जलवायु परिवर्तन पर अंतरराष्ट्रीय सहमति की माँग करता रहेगा। “यह अब तक का सबसे बुरा एहसास है; ऊँचाई से डरने से भी बदतर है अंधेरे से डरना,” 28 वर्षीय निवासी लिली टीफ़ा (Lily Teafa) ने द गार्डियन को बताया। “अब हम भविष्य से डरते हैं।”


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