आधुनिक आंदोलन
इंडोनेशिया के उप रक्षा मंत्री द्वारा देश के रक्षा आधुनिकीकरण पर चर्चा

गस्टी दा कोस्टा
लेफ़्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मुहम्मद हेरिंद्र (Muhammad Herindra) ने दिसंबर 2020 से राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo) के तहत इंडोनेशियाई उप रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया है। वरिष्ठ सेना अधिकारी के रूप में, उन्होंने इंडोनेशियाई राष्ट्रीय सशस्त्र बलों के चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ के अलावा 2015 में सेना के विशेष बल कोपासस के कमांडर और 2016 में क्षेत्रीय सैन्य कमान III / सिलीवांगी के कमांडर के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1987 में इंडोनेशियाई सैन्य अकादमी की अपनी कक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
इंडोनेशिया की रक्षा आधुनिकीकरण की योजनाओं के मुख्य लक्ष्य क्या हैं?

राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo) ने रक्षा मंत्री प्रभावो सुबियांतो (Prabowo Subianto) को प्राथमिक हथियार प्रणालियों/रक्षा और सुरक्षा उपकरणों के आधुनिकीकरण की योजना सहित राज्य रक्षा की दीर्घकालिक मास्टर योजना का मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया गया है। आधुनिकीकरण योजना का प्रारूपण कई प्राथमिकताओं पर विचार करता है। पहला, भू-राजनीतिक और भू-रणनीतिक स्थिति। दूसरा, ख़तरों की भविष्यवाणी। तीसरा, युद्ध-के लिए-तैयार रक्षा क्षमता का विकास। और चौथा, बजट आबंटन पर विचार।
हम वर्तमान वैश्विक राजनीति और सुरक्षा के विशिष्ट समूह का अध्ययन करते हैं, और हमें किसी भी समय घटित होने वाली सुरक्षा अस्थिरता के प्रभाव को रोकने के लिए आंतरिक रक्षा को मजबूत करके ख़ास नज़रिया अपनाने की ज़रूरत है।
इंडोनेशियाई सैन्य मुद्रा विकास नीति का एक घटक मुख्य हथियार प्रणालियों का आधुनिकीकरण, साथ ही साथ, रक्षा और सुरक्षा तंत्र भी है। इंडोनेशियाई सेना की संरचना हमारे देश की रक्षा परिस्थितियों और परिवेश के विकास पर आधारित है। विकास पर ख़तरे की गतिशीलता का प्रभाव पड़ता है, जिसके लिए इंडोनेशियाई सैन्य कर्मियों की व्यावसायिकता, उनका कल्याण और युद्ध की तत्परता में सुधार के प्रयासों को रक्षा और सुरक्षा प्रौद्योगिकी के आधुनिकीकरण के साथ समन्वित किया जाना चाहिए।
इंडोनेशियाई सैन्य मुद्राओं को विकसित करने में, युद्ध-के लिए-तैयार, लंबी दूरी की सटीकता और इंटरऑपरेबिलिटी हासिल करने के लिए प्राथमिक हथियार प्रणालियों/रक्षा और सुरक्षा उपकरणों की ख़रीदारी के ज़रिए नीति को लागू किया जाता है। इसके अलावा, नीति की अपेक्षा है कि पूरे इंडोनेशिया में तैनात सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए आरक्षित घटकों की संख्या में वृद्धि हो।
प्राथमिक हथियार प्रणालियों के आधुनिकीकरण की नीति मुख्य रूप से रक्षा प्रौद्योगिकी के अवशोषण, मानव संसाधनों के विकास और रक्षा सुविधाओं के विकास के लिए भी रक्षा विकास के प्राथमिकता वाले कार्यक्रम के अनुरूप है।
प्रौद्योगिकी के अवशोषण के लिए, रक्षा क्षेत्रों में इंडोनेशिया के सरकार के स्वामित्व वाले सामरिक उद्यमों ने हथियार प्रणालियों के कई नए संस्करण विकसित किए हैं। ऐसा ही एक उद्यम है पेनाटरन अंगकटान लॉट (PT PAL), जो सैन्य और नागरिक उपयोग के लिए जहाज़ों के निर्माण और जहाज़ों व इंजीनियरिंग की मरम्मत तथा रखरखाव से जुड़ा सरकार के स्वामित्व वाला इंडोनेशियाई उद्यम है। PT PAL इंडोनेशिया U-209 सबमरीन के साथ-साथ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट विकसित करने में सफल रहा है। एक और, PT दिरगांतरा इंडोनेशिया, UAV माले [मानव रहित हवाई वाहन, मध्यम-ऊँचाई, दीर्घ सहनशक्ति] जैसी मिसाइलों और मानव रहित वाहनों को विकसित करने में सफल रहा है। इस बीच, PT लेन इंडस्ट्री ने ग्राउंड-कंट्रोल इंटरसेप्टर रडार विकसित किया है। इसके अलावा PT दहाना है, जो विस्फोटक सामग्री का उत्पादन कर रहा है और उसने प्रोपेलंट कॉम्पोज़िट और बॉल ग्रेन पाउडर प्रोपेलंट विकसित किया है।

क्या आप इन आधुनिकीकरण प्रयासों के लिए समय-सीमा और बजट के बारे में विशिष्ट जानकारी दे सकते हैं?
इंडोनेशियाई सेना की प्रमुख शक्ति का विकास 2010 से 2024 तक 15 वर्षों में लागू की गई… राष्ट्रीय दीर्घकालिक विकास योजना के साथ संरेखित है। पंचवर्षीय या मध्यावधि विकास योजना राष्ट्रीय योजना की रूपरेखा तैयार करती है। योजना चार मुख्य तत्वों पर ज़ोर देती है: रीमेटीरियलाइज़ेशन, रीवाइटलाइज़ेशन, रीलोकेशन और प्रोक्योरमेंट। इस योजना को लागू करने के लिए सरकार ने धीरे-धीरे अपना रक्षा बजट बढ़ाया है। 2023 में, उसने 134.32 लाख करोड़ (ट्रिलियन) इंडोनेशियाई रूपये [$8.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर] आबंटित किया।
हम जानते हैं कि वर्तमान भू-राजनीतिक और भू-रणनीतिक स्थिति के कारण वैश्विक सैन्य मारक क्षमता में वृद्धि हुई है। यह प्रमुख सैन्य खर्च करने वाले देशों के बढ़ते रक्षा खर्च से स्पष्ट है।
आइए, इंडोनेशिया की तुलना आसियान [एसोसिएशन ऑफ़ साउथईस्ट एशियन नेशन्स] के अन्य देशों से करें। इंडोनेशिया का रक्षा बजट उसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 0.64% है, जो कि ब्रुनेई दारुस्सलाम के सकल घरेलू उत्पाद के 4.12%, या सिंगापुर के 3.23% रक्षा बजट की तुलना में बेहद कम प्रतिशत है। यहाँ तक कि नया स्वतंत्र राष्ट्र, पूर्वी तिमोर [तिमोर-लेस्ते], रक्षा के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद का 1% आबंटित करता है।
इस मुद्दे से अवगत, हमारी सरकार ने रक्षा व्यय को रक्षा निवेश में बदलने की नीति शुरू की। यह दृष्टिकोण राष्ट्रपति विडोडो (Widodo) के निर्देश के अनुरूप है। नीति का आशय, रक्षा बजट आबंटन का अनुकूलन करने और आयातित प्राथमिक हथियार प्रणालियों की खरीद में मानसिकता या सोच को बदलना है। यह नीति इंडोनेशिया के रक्षा उद्योग के विकास में मदद करेगी।
घरेलू प्रदाताओं से रक्षा संपत्ति की खरीदारी के अलावा, रक्षा मंत्रालय विदेशी बाज़ारों से भी खरीद रहा है। हाल ही में जुड़वाँ इंजन वाले, हल्के राफ़ेल लड़ाकू विमानों के एक स्क्वाड्रन की खरीदारी की गई है। लड़ाकू विमानों का निर्माण फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन द्वारा किया जाता है। इन लड़ाकू विमानों की खरीद से इंडोनेशिया की वायुसेना की हथियार प्रणालियाँ मजबूत होती हैं।
राफ़ेल विमान की खरीद इंडोनेशियाई सरकार द्वारा की गई सबसे बड़ी खरीदारी है। हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि किसी हथियार प्रणाली की बढ़ती ताक़त किसी देश की रक्षा शक्ति के प्रदर्शन का मापदंड (बैरोमीटर) हो सकता है। इंडोनेशिया के लिए, इस मुद्दे का विशिष्ट नीतिगत प्रभाव है, प्राथमिक हथियार प्रणालियों का आधुनिकीकरण।

आधुनिकीकरण की योजनाएँ सेना के स्वरूप को कैसे प्रभावित करेंगी और परिवर्तनों का उस पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इंडोनेशियाई सेना के मानव संसाधन की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयासों का उद्देश्य उन्हें आधुनिक और उन्नत प्राथमिक रक्षा प्रणालियों के संचालन में अधिक पेशेवर और विश्वसनीय बनाना है। मानव संसाधन में सुधार के तंत्र को इंडोनेशियाई सैनिकों को विदेशों में या प्राथमिक हथियार प्रणालियों के उत्पादकों के पास अध्ययन के लिए भेजकर संचालित किया जाएगा। देश में रहते हुए, गुणवत्ता बढ़ाने का तंत्र विशेष रूप से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और ज्ञान के हस्तांतरण से संबंधित शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा संचालित किया जाता है।
मानव संसाधनों को बढ़ाने के प्रयासों के मामले में, हम इस बात पर ज़ोर देते हैं कि इंडोनेशियाई सेना के पास “सिशांकामृत” — समग्र लोगों की रक्षा और सुरक्षा प्रणालियों का सिद्धांत है। इसका मतलब है कि हम राष्ट्र के अन्य तत्वों के साथ सशक्त ताल-मेल विकसित करते हैं। इस सिद्धांत को समग्र रक्षा प्रणाली के रूप में समझा जाना चाहिए जिसमें सभी नागरिक, देश के सभी क्षेत्र और अन्य राष्ट्रीय संसाधन शामिल हैं।
क्षेत्र और दुनिया भर के मौजूदा संघर्षों और तनावों से प्रभावित सैन्य हार्डवेयर की वैश्विक आपूर्ति शृंखला के मामले में इंडोनेशिया की क्या स्थिति है?
वैश्विक रक्षा और सुरक्षा की गतिशीलता तेजी से विकसित हो रही है। कोई अनुमान नहीं लगा सकता कि रूस और यूक्रेन के बीच एक साल से भी अधिक समय से जारी मौजूदा युद्ध कब समाप्त होगा। उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों और मिसाइलों के मुद्दे के साथ-साथ, दक्षिणी चीन सागर और ताइवान के साथ भी तनाव बढ़ रहा है। इन सभी संघर्षों और तनावों के परिणामस्वरूप इंडोनेशिया अब दुनिया भर में इस्तेमाल होने वाले सैन्य उपकरणों के आपूर्ति मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
इंडोनेशिया की रक्षा और सुरक्षा उपकरणों का आधुनिकीकरण अन्य देशों पर हमला करने के लिए नहीं, बल्कि राज्य की संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यक है। सैन्य हथियारों और उपकरणों की खरीद के मामले में इंडोनेशिया के पास कोई पावर प्रोजेक्शन नहीं था। हमें मजबूत होने की ज़रूरत है; जिससे, समृद्धि और सुरक्षा अपेक्षा अनुरूप होनी चाहिए।
यदि स्थानीय उपभोक्ता — इस मामले में, इंडोनेशियाई सेना और पुलिस — हमारे राष्ट्रीय उद्योग द्वारा उत्पादित हथियारों के खरीदार या उपयोगकर्ता नहीं बनते हैं, तो हमारी प्रमुख हथियार प्रणालियों का आधुनिकीकरण और राष्ट्रीय रक्षा उद्योग स्थापित करने का प्रयास सफल नहीं होगा। इस तरह, हम राष्ट्रीय रक्षा क्षेत्र से माल के खरीदारों के रूप में कार्य करके अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में अपने घरेलू उत्पादों के लिए अवसर पैदा करते हैं।
इसके अलावा, हमारा रक्षा खरीद विभाग अन्य देशों से प्राथमिक हथियार उपकरण भी खरीदता है। यदि रक्षा उपकरणों की घरेलू आपूर्ति नहीं होती है, तो विदेशी खरीद का उपयोग किया जाता है। प्रौद्योगिकी और विशेषज्ञता का सही से इस्तेमाल और रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए, इनका हस्तांतरण इसके बाद होना चाहिए।

यह सुनिश्चित करने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं कि हथियारों की खरीद प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो?
हमारे पास प्राथमिक हथियार प्रणालियों का प्रापण और खरीद तंत्र, E-Proc या इलेक्ट्रॉनिक प्रोक्यूरमेंट मौजूद है। यह तंत्र माल और अन्य संबंधित सेवाओं की माँग करने, ऑर्डर देने और खरीदने से लेकर संपूर्ण प्रक्रिया को पूरा करता है, जिसे हम ऑनलाइन संचालित करते हैं।
इंडोनेशिया के समुद्र, वायु और भू-क्षेत्रों में क्षेत्रीय विवादों और अवैध गतिविधियों के समाधान के लिए क्या क़दम उठाए जा रहे हैं?
क्षेत्रीय मुद्दों से संबंधित सभी समस्याओं के लिए, हम हमेशा अपनी संप्रभुता के मूल्यों से समझौता किए बिना कूटनीतिक माध्यम और प्रेरक दृष्टिकोण अपनाते हैं। हमें समुद्री क्षेत्र पर अधिक ध्यान देना चाहिए क्योंकि हम अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र [EEZ] में लगातार सीमा उल्लंघन के मुद्दों का सामना करते हैं। अवैध मछली पकड़ने की गतिविधियों और हमारे समुद्री क्षेत्र पर नियंत्रण से, उदाहरण के लिए, नटुना क्षेत्रों के द्वीप में जो तेल और गैस जैसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, सीमाओं के उल्लंघन को उकसाया जाता है।
हमारे अनन्य आर्थिक क्षेत्र के व्यापक उल्लंघन के संबंध में, हमने 1982 के संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ़ सी [UNCLOS] को अपनाया है और दिसंबर 1985 में क़ानून द्वारा उसकी पुष्टि की है। UNCLOS अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत है और इंडोनेशिया का इस पर एकतरफ़ा दावा नहीं है।
हमारे EEZ के ख़तरों के साथ-साथ आतंकवाद का ख़तरा अंतरराष्ट्रीय अपराधों में से एक है जिस पर हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। परिणामस्वरूप, हम सुरक्षा बनाए रखने के लिए मलक्का जलडमरूमध्य में मलेशिया और सिंगापुर के साथ संयुक्त गश्त लगाते हैं।
ज़मीनी क्षेत्र के लिए, हमने मलेशिया के साथ संयुक्त गश्त तेज़ कर दी है, विशेष रूप से कालीमंतन [बोर्नियो द्वीप के इंडोनेशियाई हिस्से] से सटी भू-सीमा पर। हमारे पास जनरल बॉर्डर कमेटी मलेशिया-इंडोनेशिया, या GBC मालिंडो जैसा सहयोगी मंच है, जो अवैध प्रवासन, ड्रग्स, आतंकवादी समूह की गतिविधियों, कट्टरपंथी समूहों सहित विभिन्न अवैध गतिविधियों का समाधान करता है।

सरकार यह कैसे सुनिश्चित करेगी कि रक्षा आधुनिकीकरण योजनाएँ इंडोनेशियाई लोगों को लाभान्वित करें और देश के समग्र विकास में योगदान दें?
सरकार इंडोनेशियाई लोगों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है। हमारी सरकार का पेनिंगकटान पेंगगुनन प्रोडुक्सी दलम नेगेरी (P3DN) प्रोग्राम ऐसा ही एक प्रयास है। P3DN इंडोनेशिया में उद्योगों के विकास और सशक्तिकरण के लिए उत्पादन बढ़ाने का इरादा रखता है। इंडोनेशिया में मंत्रालयों और सरकारी संगठनों को राष्ट्रपति विडोडो (Widodo) द्वारा निर्देश दिया गया है कि यदि ज़रूरी आवश्यकताओं को घरेलू स्तर पर पूरा किया जा सकता है या यदि घरेलू स्तर पर माल का उत्पादन किया जा सकता है तो आयातित सामान प्राप्त करना बंद कर दें। सरकार का लक्ष्य रक्षा खर्च को रक्षा निवेश में बदलना है, इस प्रकार यह उस लक्ष्य के अनुरूप है।
उदाहरण के लिए, 2023 में राज्य रक्षा प्रणाली की माँगों को पूरा करने की योजना इस संयोजन के साथ स्थापित की गई थी कि राष्ट्रीय उद्योग का घटक और अनुपात 29.5% और स्थानीय सामग्री 33.5% है। इसलिए, हमने अनुमान लगाया कि इंडोनेशिया का रक्षा खर्च देश की जीडीपी में 20.914 लाख करोड़ (ट्रिलियन) इंडोनेशियाई रुपिया [$1.37 बिलियन अमेरिकी डॉलर] है। नीति को व्यवहार में लाया गया है।
नवीनतम नीति में, हमारे रक्षा मंत्रालय ने, उदाहरण के लिए, जीप माउंग और एक इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल सहित PT पिंडाड द्वारा निर्मित सामरिक वाहनों के लिए कई खरीद अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं। सामरिक वाहन, लड़ाकू इकाइयों और क्षेत्रीय इकाइयों के लिए हैं। रक्षा मंत्रालय ने पूर्वी जावा में PT पिंडाड से गोला-बारूद की हज़ारों यूनिट खरीदने का अनुबंध भी किया है।
गस्टी दा कोस्टा जकार्ता, इंडोनेशिया से रिपोर्टिंग करने वाले फ़ोरम योगदानकर्ता हैं।