अंतरराष्ट्रीय संदेहों के बावजूद पीआरसी अनुसंधान की अन्य देशों के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्रों (EEZ) में घुसपैठ जारी

फ़ोरम स्टाफ़
20 जून, 2023 को, सरकारी स्वामित्व वाले चीनी अनुसंधान पोत ने सारावाक से लगभग 145 समुद्री मील दूर दक्षिणी चीन सागर में मलेशिया के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईज़ेड) में घुसपैठ की। यह घुसपैठ, हाल के वर्षों में चीनी सर्वेक्षण जहाज़ों द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और संभावित क़ानूनों के नवीनतम स्पष्ट उल्लंघन का प्रतिनिधित्व करती है।
रक्षा आसूचना वेबसाइट जेन्स की रिपोर्ट के अनुसार, बार-बार होने वाले अतिक्रमणों की आनुपातिक प्रतिक्रिया में, शाही मलेशियाई नौसेना ने घुसपैठ करने वाले जहाज़ को रोकने के लिए जून के अंत में एक सहायक जहाज़, बुंगा मास लीमा को तैनात किया। जेन्स के अनुसार, स्वचालित पहचान प्रणाली (AIS) डेटा ने हैयांग डिज़ी 8 नामक 88-मीटर वाले चीनी जहाज़ की घुसपैठ को ट्रैक किया।
एशिया मैरीटाइम ट्रांसपेरेंसी इनिशिएटिव (AMTI) वेबसाइट के अनुसार, इस तरह के सर्वेक्षण पोत की घुसपैठें पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (पीआरसी) के दक्षिणी चीन सागर पर नियंत्रण स्थापित करने के प्रयासों का हिस्सा हैं।
मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और ब्रुनेई अपने तटों के निकट दक्षिण चीन सागर के कुछ हिस्सों का दावा करते हैं, जबकि पीआरसी लगभग पूरे क्षेत्र पर दावा करता है, जो एक ऐसा अभिकथन है जिसे 2016 में अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने अपने फ़ैसले में निराधार बताया था।
हैयान डिज़ी 8 ने वियतनाम के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईज़ेड) में अक्तूबर 2019 में, मलेशिया के समीप 2020 के अप्रैल व मई में और इंडोनेशिया के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में अगस्त से नवंबर 2021 तक सर्वेक्षण अभियान चलाया। उस दौरान चीनी जहाज़ दा यांग हाओ ने भी मलेशिया के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में घुसपैठ की थी। एएमटीआई ने एआईएस डेटा के 2022 विश्लेषण में निर्धारित किया गया कि प्रत्येक घुसपैठ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों द्वारा उनके क्षेत्रीय जल में नई तेल और गैस गतिविधि की स्पष्ट प्रतिक्रिया में शुरू की गई थी।
एएमटीआई वेबसाइट के अनुसार, “बिना अनुमति के समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान या तेल और गैस की खोज के लिए ऐसे सर्वेक्षण अंतरराष्ट्रीय क़ानून के तहत अवैध हैं; विशुद्ध सैन्य अनुसंधान क़ानूनी हैं, लेकिन ये ईईज़ेड के भीतर विदेशी सैन्य सर्वेक्षणों के प्रति चीन के कथित विरोध के विपरीत हैं।”
जेन्स ने बताया कि 2020 में मलेशियाई ईईज़ेड में घुसपैठ के बाद, उसकी प्रतिक्रिया में शाही मलेशियाई नौसेना, शाही ऑस्ट्रेलियाई नौसेना और अमेरिकी नौसेना ने जहाज़ों को तैनात किया।
एएमटीआई के अनुसार, बीजिंग ने हाल के वर्षों में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के ईईज़ेड में जाकर पूरे दक्षिणी चीन सागर में दर्जनों अन्य सर्वेक्षण भी किए हैं। एएमटीआई ने निर्धारित किया कि दरअसल, चीन का सर्वेक्षण बेड़ा “इंडो-पैसिफ़िक (Indo-Pacific) में सबसे बड़ा और सबसे सक्रिय” बेड़ा है। एएमटीआई ने कहा कि अधिकांश दक्षिण पूर्व एशियाई देश केवल अपने क्षेत्रीय जल में ही अनुसंधान करते हैं।
“मुझे लगता है कि यह ऐसी अंतर्निहित रणनीति का हिस्सा है, जिसका इरादा नाइन-डैश लाइन (nine-dash line) के भीतर सभी दक्षिण पूर्व एशियाई अन्वेषण गतिविधियों को डराना-धमकाना व परेशान करना और उस बिंदु तक पहुँचाना है जहाँ यह जानते हुए भी कि चीन उनके ज़रिए जीवन को काफ़ी कठिन बनाने जा रहा है, विदेशी कंपनियों और स्थानीय कंपनियों का भी शोषण करना आर्थिक रूप से अव्यवहारिक हो जाता है,” सिंगापुर स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फ़ॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ के सीनियर फ़ेलो युआन ग्राहम (Euan Graham) ने जून 2020 में वॉयस ऑफ़ अमेरिका को बताया, जब पीआरसी ने हनोई को नई ऊर्जा अन्वेषण परियोजनाएँ शुरू करने और पीआरसी के खिलाफ़ अपने क्षेत्रीय दावों पर अंतरराष्ट्रीय अदालत में याचिका दायर करने से रोकने के प्रयास में सर्वेक्षण पोत को वियतनाम द्वारा दावा किए गए जल के रास्ते भेजा था।
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को संदेश भेजने के अलावा, सर्वेक्षण भूगर्भिक आकलन और पनडुब्बियों का पता लगाने सहित असैन्य और सैन्य प्रयोजनों के लिए मूल्यवान डेटा प्रदान करते हैं। जहाज़, विदेशी सैन्य परिसरों और जहाज़ों पर नौसेना की खुफ़िया जानकारी इकट्ठा करने के लिए ऑनबोर्ड प्रौद्योगिकियों का भी उपयोग कर सकते हैं।
इसके अलावा, बीजिंग दोहरे मानदंड के तहत काम करता दिख रहा है। एएमटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उसकी माँग है कि अन्य देश उसके ईईज़ेड में सैन्य सर्वेक्षण की अनुमति का अनुरोध करें, लेकिन वह अपने जहाज़ों द्वारा विदेश में सर्वेक्षण करने की अनुमति नहीं माँगता है।
बीजिंग ने नागरिक जहाज़ों के उपयोग से कई सर्वेक्षण आयोजित करके सीमा-रेखाओं को और धुँधला कर दिया है। हालाँकि पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) अनुसंधान जहाज़ों का संचालन करती है, लेकिन वह अन्य सरकारी एजेंसियों और वाणिज्यिक क्षेत्र के जहाज़ों का भी उपयोग करती है। एएमटीआई वेबसाइट ने बताया कि इससे यह स्पष्ट नहीं होता है कि बिना अनुमति के किसी अन्य देश के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाला कोई चीनी सर्वेक्षण जहाज़, अवैध समुद्री अनुसंधान या वाणिज्यिक सर्वेक्षण कर रहा है या क़ानूनी सैन्य निगरानी संचालित कर रहा है।
किसी अन्य देश के ईईज़ेड या महाद्वीपीय अग्र भाग में समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र समुद्री क़ानून संधि (UNCLOS) के तहत सरकारों को अग्रिम रूप से कम से कम छह महीने पहले अनुमति लेनी होगी।
एएमटीआई के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र समुद्री क़ानून संधि के तहत, राष्ट्रों से अपेक्षा की जाती है वे सहमति प्रदान करें बशर्ते कि तटीय राष्ट्र को संदेह न हो कि अनुसंधान दरअसल वाणिज्यिक है, जिसमें महाद्वीपीय अग्र भाग में ड्रिलिंग शामिल है, या अनुरोध करने वाला राष्ट्र ग़लत या भ्रामक जानकारी प्रदान कर रहा है।
सभी राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय जल में समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान कर सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र समुद्री क़ानून संधि नौसैनिक अनुसंधान और निगरानी का समाधान नहीं करती है। अमेरिका सहित अधिकांश राष्ट्रों का तर्क है कि अन्य देशों के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्रों के भीतर सैन्य सर्वेक्षण करने पर कोई क़ानून लागू नहीं होता है।
हालाँकि, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना और कुछ अन्य इंडो-पैसिफ़िक राष्ट्र इस बात पर ज़ोर देते हैं कि उनके पास अपने ईईज़ेड के भीतर विदेशी सैन्य गतिविधियों को प्रतिबंधित करने का अधिकार है।
अधिकांश देश नौसैनिक, वैज्ञानिक और वाणिज्यिक जहाज़ों के बीच स्पष्ट अंतर रखते हैं। उदाहरण के लिए, जापान, समुद्री वैज्ञानिक जहाज़ और सैन्य जहाज़ों का स्पष्ट निरूपण करता है। पीआरसी और अमेरिका के अलावा, जापान एक ऐसा प्रमुख देश है जिसने हाल के वर्षों में इंडो-पैसिफ़िक में अनुसंधान जहाज़ों का संचालन किया है।
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