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फिलीपींस: क्षेत्रीय शांति के लिए जापान के साथ ‘मजबूत सुरक्षा सहयोग’ ज़रूरी

बेनार न्यूज़

फिलीपीन की प्रतिरक्षा को बढ़ाने की वकालत करते हुए फिलीपींस के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि “हमारी संप्रभुता की बार-बार अवहेलना” के कारण इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए जापान के साथ मजबूत सुरक्षा संबंध आवश्यक है।

मई 2023 के मध्य में विदेश मामलों के सचिव एनरिक मनालो की टिप्पणियों ने उन सुरक्षा चुनौतियों को रेखांकित किया, जिनका पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) की ओर से दोनों देश सामना करते हैं। मनीला और टोक्यो, बीजिंग के साथ क्रमशः दक्षिण और पूर्वी चीन सागर पर क्षेत्रीय विवादों में उलझे हुए हैं।

टोक्यो में नेशनल ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट फ़ॉर पॉलिसी स्टडीज़ में मनालो ने एक भाषण के दौरान कहा, “हम इससे पहले कभी भी इतने ज़्यादा आश्वस्त नहीं हुए थे कि हमारा सशक्त सुरक्षा सहयोग हमारी जनता को अधिक शांति से रहने देगा।”

उनके भाषण की प्रतिलिपि के अनुसार, “हम बहुपक्षवाद के प्रति नियमों में समान विश्वास और प्रतिबद्धता से संचालित हैं।”

मनालो म्यूनिख लीडर्स की सुरक्षा सम्मेलन बैठक के लिए टोक्यो में थे।

उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में, फिलीपीन-जापान संबंध समुद्री सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेंगे, विशेष रूप से 1982 के समुद्री क़ानून पर संयुक्त राष्ट्र के समझौते (UNCLOS) को लागू करने के लिए डोमेन जागरूकता और क़ानून प्रवर्तन पर। (चित्र में: फिलीपींस के मनीला बे में एक एंटी-पायरेसी ड्रिल का आयोजन करते फिलीपीन और जापान के तटरक्षक।)

मनालो ने कहा कि जहाँ संवाद और कूटनीति, विवादों को दूर करने का प्राथमिक साधन होना चाहिए, वहीं “हमारी संप्रभुता, संप्रभु अधिकारों और अधिकार-क्षेत्र का बार-बार अतिक्रमण … हमारी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता को भी ज़रूरी बनाते हैं।”

“मैं इस बात पर ज़ोर देता हूँ कि समुद्री सहयोग हमेशा फिलीपींस-जापान संबंधों की प्रमुख विशेषता रहेगी। द्वीप-राज्य होने के नाते हम इंडो-पैसिफ़िक समुद्रों को सुरक्षित, निरापद और शांतिपूर्ण बनाए रखने के सामान्य उद्देश्य से बंधे हैं,” मनालो ने कहा।

उन्होंने दक्षिण चीन सागर के लिए आचार संहिता पर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) और पीआरसी के बीच आगे की चर्चा का भी आग्रह किया।

“शांतिपूर्ण और UNCLOS-आधारित शासन हासिल करने के लिए, सभी दावेदारों के बीच, द्विपक्षीय रूप से और आचार संहिता पर आसियान और चीन के बीच चर्चा के माध्यम से, गंभीर बातचीत अत्यंत महत्वपूर्ण है,” मनालो ने कहा।

“फिलीपींस प्रभावी और ठोस आचार संहिता का पक्ष-समर्थन करता है जो UNCLOS का पालन करता हो और आसियान तथा चीन से परे भी सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखता हो।”

जुलाई 2016 में, नीदरलैंड के हेग में पंचाट के स्थायी न्यायालय ने फिलीपींस के पक्ष में फ़ैसला सुनाया और दक्षिण चीन सागर, विशेष रूप से मनीला के विशेष आर्थिक क्षेत्र के भीतर जल में बीजिंग के विशाल दावों को खारिज कर दिया।

हालाँकि, बीजिंग ने इस ऐतिहासिक फ़ैसले को नज़रअंदाज़ कर दिया और कृत्रिम चट्टानों और अन्य सुविधाओं के निर्माण सहित सामरिक जलमार्ग में अपने सैन्य विस्तार को जारी रखा है।

फिलीपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर और जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने फरवरी 2023 में “अपने संबंधित देशों की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने, और समग्र सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने” पर सहमति व्यक्त की।

दोनों राष्ट्रों ने “बेहद चुनौतीपूर्ण क्षेत्रीय सुरक्षा परिवेश के आलोक में” रक्षा और सैन्य अधिकारियों के बीच संप्रेषण बढ़ाने पर सहमति जताई।

 

छवि साभार: रॉयटर्स


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