LANPAC द्वारा इंडो-पैसिफ़िक सशस्त्र बलों के बीच संबंधों का सुदृढ़ीकरण
फ़ोरम स्टाफ़
मई 2023 के मध्य में होनोलूलू, हवाई में आयोजित लैंड फ़ोर्सेज़ पैसफ़िक (LANPAC) संगोष्ठी और प्रदर्शनी ने 1,700 से अधिक सैन्य कर्मियों, शिक्षाविदों और सुरक्षा व रक्षा पेशेवरों को आकर्षित किया। आयोजन के 10वें वर्ष में, यह पूरे इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में भूमिगत सैन्य बलों की भूमिका पर प्रकाश डालती है।
प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों में 25 से अधिक देशों के प्रतिनिधिमंडल और ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्रुनेई, जापान, मलेशिया, मंगोलिया, न्यूज़ीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, टोंगा, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और वानुअतु के सेना प्रमुख शामिल थे।
अपनी प्रस्तावना में, यू.एस. आर्मी पैसिफ़िक के कमांडर जनरल चार्ल्स फ़्लिन ने संगोष्ठी को द्विपक्षीय और बहुपक्षीय जुड़ाव, संबंध निर्माण और विचार साझा करने का स्थान कहा।
“इंडो-पैसिफ़िक में अनिश्चितता की वृद्धि इस माँग और आवश्यकता पर बल देती है कि सेनाओं के लीडर – और सेनाएँ – एकजुट हों और इस क्षेत्र में भागीदारों के तौर पर क़रीब आएं,” फ़्लिन ने कहा। LANPAC का थीम था “युद्ध संबंधी उभरते परिवर्तन”, और आगे फ़्लिन ने कहा कि इस आयोजन ने तकनीकी, सामाजिक और संगठनात्मक परिवर्तनों को बेहतर ढंग से समझाने के साथ-साथ, सहयोगियों और भागीदारों को एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने का अवसर प्रदान किया।
“मैंने बहुत पहले ही कहा था कि ज़मीनी क्षमता उस सुरक्षा संरचना का प्रतिनिधित्व करती है जो इस क्षेत्र को एक साथ बाँधती है, और साथ मिलकर हम सुरक्षित, स्थिर और निरापद इंडो-पैसिफ़िक को संरक्षित कर सकते हैं और करेंगे,” फ़्लिन ने कहा।
फिलीपीनी सेना के कमांडिंग जनरल लेफ़्टिनेंट जनरल रोमियो ब्रावनर जूनियर ने फ़ोरम को बताया कि यह आयोजन उसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले साझा मंच के लिए सार्थक है। “जब हम वाक़ई महत्वपूर्ण चीज़ों पर पुनर्विचार करते हैं, तो पाते हैं कि यह परस्पर आमने-सामने बातचीत करने और वास्तव में मतभेदों को दूर करने – यह सुनिश्चित करने का मौक़ा है कि हम वाक़ई एक-दूसरे को समझें, और कि हमारा एकमात्र उद्देश्य है: युद्ध को रोकना और हर जगह स्थायी शांति प्राप्त करना। (चित्र में: फिलीपीनी सेना के लेफ़्टिनेंट जनरल रोमियो ब्रॉवनर जूनियर मई 2023 में हवाई में संपन्न LANPAC संगोष्ठी में भावी युद्ध के प्रशिक्षण पर चर्चा करते हुए।)
तीन दिवसीय संगोष्ठी में युद्ध के बदलते परिदृश्य, सैन्य तैयारी और यूक्रेन के युद्ध से जुड़े परिशीलनों के निवारण और इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र में बहुपक्षीय प्रशिक्षण की स्थिति जैसे विषयों पर प्रस्तुतिकरण और पैनल चर्चाएँ शामिल थीं।
“पिछले एक साल में आप में से कई लोगों और हमारे सहयोगियों के साथ हुई चर्चाओं के आधार पर, मैं बताना चाहूँगा कि जहाँ चुनौतियों की ख़ासियत अलग-अलग देशों में अलग-अलग होती है, वहीं हमारी चुनौतियों का स्वरूप उल्लेखनीय रूप से एकसमान होता है,” ऑस्ट्रेलिया के सेना प्रमुख लेफ़्टिनेंट जनरल साइमन स्टुअर्ट ने “सैन्य तत्परता बनाए रखने की समकालीन चुनौतियाँ” विषयक अपने मुख्य प्रस्तुतिकरण में कहा।
सिंगापुर के थल सेना प्रमुख मेजर जनरल डेविड नियो ने अपने राष्ट्र के प्रतिरोध संबंधी पथ पर प्रकाश डाला, जिसमें “हर किसी को युद्ध में शामिल करना” भी है, जिसकी वजह से सिंगापुर में पिछले 56 वर्षों में 10 लाख (1 मिलियन) से अधिक पुरुषों को सशस्त्र बलों में शामिल किया गया। प्रौद्योगिकी का उपयोग सैन्य बल गुणक के रूप में करने से शहर-राज्य को अपनी छोटी आबादी और भूमि की कमी को दूर करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि यदि सिंगापुर जैसे छोटे देश में प्रतिरोध काम कर सकता है, तो यह किसी भी देश में काम कर सकता है।
ब्रॉवनर ने बहुपक्षीय प्रशिक्षण पर यह कहते हुए ज़ोर दिया कि युद्ध की तैयारी युद्ध को रोकने का एक उपाय है। उनके अनुसार यह क्षेत्र, संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा का अखाड़ा है, जहाँ विभिन्न आकस्मिक घटनाओं के लिए सेना को तैयार करने की ज़रूरत होती है। यही सुरक्षा परिवेश भी करता है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और क़ानून के शासन के विपरीत रहने वाले क्षेत्रीय विवादों और पहुँच-रोधी, क्षेत्र-प्रतिवाद रणनीतियों को जन्म देता है।
“जब हम साथ में प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, तो हमारे पास वह सामूहिक आवाज़ होती है जो हमें दुनिया को संदेश भेजने का अवसर प्रदान करती है कि हम में से प्रत्येक अपनी क्षमता का निर्माण कर रहे हैं और वास्तव में उस इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ा रहे हैं, ताकि ज़रूरत पड़ने पर हम साथ मिलकर काम कर सकें,” ब्रॉनर ने फ़ोरम को बताया। “इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करते हुए युद्ध को रोकना है कि दुनिया जानें कि हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं और यदि ज़रूरत हो तो हम घातक आघात कर सकते हैं।”
यूक्रेन पर रूस के युद्ध पर चर्चा के दौरान, पैनलिस्टों ने यूक्रेनी सैन्य बलों की संघर्षशीलता को बढ़ाने में डेटा और प्रौद्योगिकी की भूमिका की जाँच-पड़ताल की और लड़ाई के लिए साझेदारी को महत्वपूर्ण बताया।
“यह युद्ध, संस्थागत संबंधों का नहीं बल्कि व्यक्तिगत संबंधों का… मूल्य दिखाता है,” यू.के. स्थित थिंक टैंक रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज़ इंस्टीट्यूट में ज़मीनी युद्ध के वरिष्ठ रिसर्च फ़ेलो जैक वाटलिंग ने कहा। “यदि आप संस्थागत संबंध चाहते हैं, तो ज़रूरी है कि आप लोगों को एक साथ रखें। इसी वजह से ऐसे मंच महत्वपूर्ण हैं। यह लोगों द्वारा एक दूसरे को जानने और भरोसा करने से जुड़ा मामला है।”
“एक गेलिक उद्धरण है,” ब्रिटिश सेना के लैंड वॉरफ़ेर सेंटर के निदेशक मेजर जनरल क्रिस बैरी ने बताया। “‘युद्ध के दिन दोस्त अच्छे होते हैं।’ यह अवसर हमें यही प्रदान करता है।”
छवि साभार: फ़ोरम स्टाफ़
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