नशीले पदार्थों के समुद्री व्यापार से निपटने के लिए भारतीय सेना, क़ानून प्रवर्तन द्वारा सहयोग
मनदीप सिंह
समुद्र के रास्ते मध्य से दक्षिण एशिया तक ड्रग्स की तस्करी बढ़ रही है, जिससे भारत के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), नौसेना और तटरक्षक बल और पड़ोसी देशों की नौसेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा मिल रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के सशस्त्र बलों, विशेष रूप से इसकी नौसेना की समुद्री क्षमताएँ, भारतीय क़ानून प्रवर्तन को समुद्री नशीली दवाओं की तस्करी का मुकाबला करने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करती हैं, जैसा कि हाल ही में नशीली दवाओं की बरामदगी से पता चलता है।
एनसीबी और भारतीय नौसेना ने अक्तूबर 2022 के संयुक्त अभियान में देश के दक्षिण-पूर्वी तट से समुद्री ड्रग तस्करों को पकड़ा, जिसमें, चित्र में नज़र आने वाले, 200 किलोग्राम नशीले पदार्थ जब्त किए गए। भारत के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि तस्करों को हिरासत में लेने और उनके पोत को ज़ब्त करने के साथ, एनसीबी, शामिल अपराध नेटवर्क में अपनी जाँच को आगे बढ़ाने में सक्षम थी, जिससे मादक पदार्थों की तस्करी के मार्ग को बाधित करने में मदद मिली। यह एनसीबी और नौसेना या तटरक्षक बल से जुड़े सहयोगी छापे की शृंखला में नवीनतम था।
“नौसेना ने भारत में तटीय सुरक्षा की प्रमुख एजेंसी, भारतीय तट रक्षक की तुलना में समुद्री नेविगेशन प्रौद्योगिकियों और त्वरित पैंतरेबाज़ी सहित विशेष क्षमताओं के साथ, समुद्री मादक द्रव्यों के खिलाफ़ कार्रवाई में बड़ी वृद्धि की है,” नई दिल्ली स्थित सरकारी नीति के शोधकर्ता सनीत चक्रदेव ने फ़ोरम को बताया।
अप्रैल 2021 में, नौसेना और एनसी बी ने 200 किलोग्राम नशीले पदार्थों को जब्त किया और अरब सागर में एक मछली पकड़ने वाले जहाज़ पर सवार चालक दल के पाँच सदस्यों को गिरफ्तार किया। कथित तौर पर दवाओं की उत्पत्ति ईरान में हुई थी। एनसीबी और भारतीय तट रक्षक द्वारा पिछले महीने 300 किलोग्राम हेरोइन में पाँच AK-47 राइफ़ल और 1,000 राउंड गोला बारूद के साथ तीन जहाज़ों पर छापा मारा गया। वर्ष 2021 में कई अन्य संयुक्त अभियानों के परिणामस्वरूप नशीली दवाओं की बरामदगी और गिरफ्तारियाँ हुईं, जिनमें सितंबर का वह मामला भी शामिल है, जिसमें टैल्कम पाउडर के रूप में छिपी 3,000 किलोग्राम से अधिक हेरोइन मिली।
नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक, नेशनल मैरीटाइम फ़ाउंडेशन ने बताया कि 2021 में समुद्री छापों ने भारतीय शहर दिल्ली और नोएडा में आठ संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए भी खुफ़िया जानकारी दी।
फ़ाउंडेशन और चक्रदेव के अनुसार, हाल के छापों में समुद्री नशीले पदार्थों की तस्करी और अन्य रक्षा खतरों के बीच संबंध सामने आए हैं।
चक्रदेव ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय अवैध ड्रग व्यापार और आतंकवाद के वित्तपोषण के बीच जटिल संबंधों के कारण, आंतरिक ड्रग नियंत्रण एजेंसी और सशस्त्र बलों के बीच सहयोग महत्वपूर्ण हो जाता है।”
उन्होंने कहा कि जाँच से पता चला है कि हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री मादक पदार्थों की तस्करी से राष्ट्रों को ख़तरा है, जिससे बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा मिला है।
उन्होंने कहा, “आशंकाओं और छापों से अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान, ऑस्ट्रेलिया, भारत, श्रीलंका और मालदीव स्थित संस्थाओं से जुड़े परिष्कृत अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का खुलासा हुआ है, जिससे हिंद महासागर विशेष रूप से कमजोर क्षेत्र बन गया है।”
चक्रदेव ने कहा कि भारत, मेडागास्कर, मालदीव, सेशेल्स और श्रीलंका के नौसेना प्रमुख, वर्ष 2021 में समुद्री नशीले पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने के लिए खुफिया जानकारी और परिसंपत्ति साझा करने के लिए सहमत हुए। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना ने श्रीलंका और मालदीव सहित क्षेत्रीय साझेदारों के संपर्क अधिकारियों के साथ एक इन्फ़र्मेशन फ़्यूशन सेंटरर स्थापित किया है, जो “क्षेत्रीय स्तर पर समस्या से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आधार बनेगा।”
मनदीप सिंह नई दिल्ली, भारत से रिपोर्ट करने वाले फ़ोरम योगदानकर्ता हैं।
छवि साभार: इंडियन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो
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