पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) बंदरगाह निवेश के साथ चाहता है सैन्य लाभ

चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का केवल एक विदेशी नौसैनिक अड्डा है, जो सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जिबूटी में स्थित है। दुनिया भर के बंदरगाहों में भारी निवेश, जो अक्सर महत्वपूर्ण शिपिंग चोकपॉइंट्स के पास होते हैं, दर्शाता है कि बीजिंग सैन्य के साथ-साथ वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए भी सुविधा केंद्रों पर नज़र गड़ाए हुए है। शोधकर्ताओं का कहना है कि विदेशों में अतिरिक्त सैन्य अड्डों की स्थापना संभवतः पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की प्राथमिकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित अनुसंधान प्रयोगशाला, AidData ने नीचे दिए गए बंदरगाहों को उन स्थानों के रूप में पहचाना जहाँ आगामी वर्षों में बीजिंग द्वारा अतिरिक्त नौसैनिक अड्डे बनाने की सर्वाधिक संभावना है। ज़्यादा जानकारी के लिए लोकेशन पर होवर करें।

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पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना (PRC) दुनिया भर में वाणिज्यिक और सैन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग करने के इरादे से बंदरगाहों का निर्माण और अधिग्रहण कर रहा है। दोहरे उपयोग वाले बंदरगाह महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों और तटवर्ती मार्गों पर देश के प्रभाव को बढ़ाते हैं।

पर्यवेक्षकों को डर है कि व्यापक निवेश ख़तरनाक शक्ति प्रदर्शन हैं, जिसमें जासूसी, आर्थिक दबाव से लेकर सैन्य विस्तार तक के सुरक्षा जोखिम शामिल हैं। न्यूज़वीक पत्रिका के अनुसार पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) के जहाज़ों ने लगभग एक तिहाई विदेशी बंदरगाहों का दौरा किया है। द वॉल स्ट्रीट जर्नल अख़बार के अनुसार इस पहुँच से PLAN के विदेशी बेड़ों की पुनःपूर्ति कम ख़र्चीला और अधिक कुशल हो गया है।

संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित अनुसंधान प्रयोगशाला AidData के अनुसार, विदेशी सहायता या निवेश के माध्यम से, पीआरसी द्वारा आधारभूत संरचना के निर्माण और वित्तपोषण से संकेत मिलता है कि बंदरगाह या सैन्य अड्डे शांति या युद्ध के समय पीपल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) की सेवा कर सकते हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने 2023 की AidData रिपोर्ट, “हार्बरिंग ग्लोबल एम्बिशन्स: चाइनास पोर्ट्स फ़ुटप्रिंट एंड इम्प्लिकेशन्स फ़ॉर फ़्यूचर ओवरसीज़ नेवल बेसस” में लिखा, “बीजिंग यह भी मान सकता है कि चीन के निवेश के पैमाने का तात्पर्य संगत गैर-मौद्रिक ऋण से है: जितना बड़ा निवेश होगा, उतने ज़्यादा लाभ के लिए चीन को सैन्य ठिकानों के विकल्प और ज़रूरतों जैसे अनुग्रहों की माँग करनी होगी।”

चीन की राजकीय प्रभुत्व वाली अर्थव्यवस्था वाणिज्यिक और सैन्य प्रयासों के बीच की रेखा को धुंधला कर देती है। फ़ॉरेन पॉलिसी पत्रिका के लिए ब्रिटिश रॉयल नेवी के पूर्व अधिकारी अलेक्ज़ेंडर वूली (Alexander Wooley) और AidData के शोधकर्ता शेंग झांग (Sheng Zhang) ने लिखा, “चीन के व्यापार करने के तरीक़े से अपरिचित लोगों को स्पष्ट रूप से वाणिज्यिक निवेश और भावी नौसैनिक ठिकानों के बीच संबंध स्थापित करना अजीब लग सकता है।” “लेकिन शंघाई स्टॉक एक्सचेंज में कोई चीनी बंदरगाह निर्माण या ऑपरेटिंग कंपनी का व्यापार किया जा सकता है और यह एक आधिकारिक सरकारी इकाई भी हो सकती है।”

उन्होंने अधिकांशतः सरकार के स्वामित्व वाली और सार्वजनिक रूप से कारोबार वाली चाइना कम्युनिकेशंस कंस्ट्रक्शन कंपनी का हवाला दिया, जो विदेशी बंदरगाह निर्माण के क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी है। अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अन्य देशों के संप्रभु अधिकारों को कमज़ोर करने वाले एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदनीय कृत्रिम द्वीपों के निर्माण में भूमिका के लिए कंपनी पर प्रतिबंध लगाए हैं।

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